बीजिंग, (हि.स.)। चीन ने भारतीय सैन्य प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान पर उग्र रुख अपना लिया है। साथ ही कहा है कि विवादित क्षेत्र डोकलाम में अपनी सेना की तैनाती बनाए रखेगा। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
चीन ने कहा है कि डोकलाम पर कोई विवाद नहीं है और उसकी सेना वहां गश्त जारी रखेगी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने पाकिस्तान में सैन्य अड्डा बनाने और अरुणाचल प्रदेश पर भी अपने देश का दृष्टिकोण सामने रखा है।
विदित हो कि सोमवार को जनरल रावत ने कहा था कि डोकलाम में चीनी सैनिकों की संख्या में कमी आ रही है। इस पर चीन ने कहा है कि वह अपने सैनिकों को डोकलाम से नहीं हटाने जा रहा है।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है,“डोकलाम चीन का इलाका रहा है और हमेशा से चीन के प्रभावी अधिकार क्षेत्र में है। इस विषय पर कोई विवाद नहीं है।”
चीनी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, “ चीन की सीमा पर तैनात सैनिक यहां गश्त करते रहेंगे और ठिकाने भी बनाएंगे। ऐतिहासिक समझौतों और संप्रभु देश होने के नाते ऐसा करना चीन का अधिकार है।”
जनरल रावत ने सोमवार को कहा था कि भारतीय और चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तुतिंग में भारतीय सीमा में एक सड़क बनाने की चीनी टीमों की हालिया कोशिश का मुद्दा सुलझा लिया है।
लू ने जनरल रावत की इस टिप्पणी पर भी प्रत्यक्ष तौर से कुछ नहीं कहा, लेकिन अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को दोहराया। उल्लेखनीय है कि चीन अरुणाचल को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता रहा है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान में सैन्य अड्डा बनाने पर कहा, “ हमें नहीं पता कि इस बारे में बाहर क्या कहा जा रहा है। सीपीईसी का निर्माण 'बेल्ट एंड रोड' बनाने का काफी अहम हिस्सा है। इसलिए दूसरे देशों को इस बारे में ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।”