वाशिंगटन, (हि.स.)। अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स एच-1बी वीजा जारी करने के नियमों में बदलाव की पहल का विरोध कर रहा है। यह जानकारी रविवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
स्थानीय टीवी चैनल फॉक्स न्यूज के अनुसार, अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने एक बयान में कहा, "अमेरिका में स्थायी निवास के लिए आवेदन करने और यहां वर्षों से काम कर रहे उच्च कौशल वाले व्यक्ति से यह कहना खराब नीति होगी कि अब उनका आदर नहीं होगा।”
विदित हो कि भारतीय आईटी कंपनियां प्रमुख रूप से एच-1बी वीजा प्राप्त करती हैं, जो कुशल कामगारों को अमेरिका लाने के लिए बनाया गया था और जिसका इस्तेमाल आमतौर पर आईटी कंपनियां करती रही हैं।
पिछले महीने, अमेरिका की न्यूज एजेंसी मैकक्लेटची की रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग नए नियमन पर विचार कर रहा है, जिसमें एच-1बी वीजा बढ़ाने पर रोक होगी। इस कदम का मुख्य उदे्दश्य लाखों विदेशी कामगारों के ग्रीन कार्ड आवेदन लंबित होने पर उनका एच-1बी वीजा से रोकना है।
लेकिन अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा है, "इस नीति से अमेरिकी कारोबार, हमारी अर्थव्यवस्था और देश को नुकसान पहुंचेगा। साथ ही, अधिक प्रतिभा के आधार पर आव्रजन प्रणाली के लक्ष्यों के लिए भी यह मुनासिब नहीं होगा।”
रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताव अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान किए वादे 'बाय अमेरिकन हायर अमेरिकन' का हिस्सा है।