तेहरान, (हि.स.)। भारत को अपनी महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड परियोजना से जोड़ने में विफल चीन ने अब एक नई चाल चली है। इसके तहत ईरान के समक्ष चाबहार बंदरगाह और पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के बीच संपर्क स्थापित करने की अपनी इच्छा जताई है। यह जानकारी शुक्रवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
विदित हो कि इससे पहले ड्रैगन ने अफगानिस्तान को चीन-पाक आर्थिक गलियारे में शामिल करने की इच्छा जाहिर की थी। दरअसल चीन भारत से घबराया हुआ है और उसे अपनी वन बेल्ट वन रोड परियोजना की भी चिंता सता रही है, क्योंकि पाकिस्तान के रास्ते व्यापार महफूज नहीं लग रहा है।
'पाकिस्तान टुडे' के अनुसार, ईरान का कहना चीन ने पाकिस्तान में बनाए जा रहे ग्वादर पोर्ट और ईरान के दक्षिणपूर्वी बंदरगाह चाबहार को आपस में जोड़ने की मांग रखी है।
चाबहार मुक्त व्यापार क्षेत्र के प्रबंध निदेशक अब्दुलरहीम कोर्दी के हवाले से ईरानी मीडिया में यह खबर आई है कि चीन ने ईरान को जानकारी दी है कि वह ग्वादर पोर्ट से जाने वाले सामान को मंजिल तक पहुंचाने के लिए चाबहार बंदरगाह का इस्तेमाल करने का इच्छुक है।
हालांकि, कोर्दी ने यह भी कहा कि ईरान के चाबहार और पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के बीच किसी तरह की प्रतिस्पर्धा नहीं है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बाजार तक पहुंच बनाने की क्षमता के मामले में दोनों बंदरगाह एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।
लेकिन हकीकत यह है कि चीन इस चाल के जरिए भारत की रणनीति को बेअसर करना चाहता है और ईरान में अपना प्रभाव कायम करना चाहता है।
उल्लेखनीय है कि चाबहार बंदरगाह को ईरान भारत की मदद से बना रहा है। हाल ही में इसके पहले चरण का उद्घाटन किया गया है। भारत इस परियोजना में 50 करोड़ डॉलर का निवेश कर रहा है। वहीं, चीन ग्वादर बंदरगाह को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के हिस्से के रूप में विकसित कर रहा है जिसे सीपेक के नाम से भी जाना जाता है।