काठमांडू, (हि.स.)। नेपाल में नेशनल असेम्बली के लिए मतदान प्रणाली को लेकर जहां सीपीएन-यूएमएल और नेपाली कांग्रेस में ठन गई है] वहीं चुनाव आयोग ने आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत उच्च सदन के चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। यह जानकारी बुधवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
समाचार पत्र द हिमालयन टाइम्स के अनुसार, चुनाव आयुक्त इला शर्मा ने कहा, “ हमने अपनी ओर से एकल संक्रमणीय मत विधि द्वारा नेशनल असेंबली के चुनाव कराने की तैयारी शुरू दी है। यह प्रणाली उच्च सदन में आनुपातिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करेगी।” हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीतिक दल जो प्रणाली तय करेंगे चुनाव आयोग उसके तहत चुनाव कराने को तैयार है।
इस बीच सरकार ने आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत नेशनल असेंबली के चुनाव कराने के लिए एक अध्यादेश राष्ट्रपति के पास भेज दिया है। लेकिन नेपाली कांग्रेस और वामदल अध्यादेश के पक्ष और विपक्ष में राष्ट्रपति के समक्ष अपना-अपना तर्क पेश कर रहे हैं। वाम दल आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत नेशनलअसेंबली के चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है।
चुनाव आयोग के सूचना अधिकारी सूर्य प्रसाद अर्याल ने कहा कि नेशनल असेंबली की चुनाव प्रणाली को लेकर संविधान में कुछ भी उल्लिखित नही है। संविधान के अनुसार, प्रत्येक प्रांत से आठ- आठ सदस्य चुने जाएंगे जिनमें तीन महिला, एक दलित और एक विकलांग या अल्पसंख्यक समुदाय के होंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम परिषद, नगरपालिका परिषद और जिला परिषद के वुनाव बहुमत प्रणली के तहत कराए जाने का उल्लेख है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर बहुमत प्रणाली के तहत नेशनल असेंबली के चुनाव कराए जाते हैं तो किसी पार्टी विशेष को सभी सीटें जीतने की संभावना प्रबल है। लेकिन आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत चुनाव होने पर राजनीतिक दलों को उनके जनाधार के अनुरूप नेशनल असेंबली में सीटें मिलेंगी।