काठमांडू, (हि.स.)। नेपाल में वामपंथी गठबंधन सरकार के गठन की तैयारी कर रहा है। इस बीच भारत में यह धरणा भी प्रबल होती दिख रही है कि पड़ोसी देश में चीन समर्थक पार्टी सत्ता में आ गई है। लेकिन सीपीएन- यूएमएल ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार दोनों देशों से अच्छे संबंध कायम रखेगा।
समाचार पत्र हिमालयन टाइम्स के अनुसार, सीपएन - यूएमएल के ऐ नेता ने कहा कि नेपाल का वामपंथी गठबंधन ना तो भारत विरोधी और ना ही चीन समर्थक होगा। लेकिन यह दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध कायम रखेगा।
सीपीएन- यूएमएल के महासचिव ईश्वर पोखरेल ने कहा, “ दोनों देश (भारत और चीन) हमारे पड़ोसी हैं और हम दोनों पड़ोसियों का सम्मान करते हैं। भारत हमारा पड़ोसी है। कोई नेपाली भारत विरोधी नहीं होगा।”
हांगकांग के साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक, उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी ना तो भारत विरोधी है, ना ही चीन समर्थक है।
उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली के साथ नेपाल के कई व्यापारिक और ट्रांजिट समझौते हैं। पोखरेल ने कहा कि नई सरकार चीन के साथ संबंध विकसित करने को इच्छुक है। उन्होंने चीन को एक दोस्त बताया जो नेपाली संप्रभुता का सम्मान करता है।
उन्होंने दलाई लामा से मिलने के लिए तिब्बतियों के नेपाल में प्रवेश का जिक्र करते हुए कहा, “ हमें चीन के साथ अच्छे संबंध कायम रखने होंगे। हम एक चीन की नीति का सम्मान करते हैं और हम चीन विरोधी गतिविधियों के सख्त खिलाफ हैं” पोखरेल ने कहा कि पदभार संभालने के बाद नई सरकार ओली और चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग की संयुक्त घोषणा पत्र को लागू करेगी। इस घोषणा पत्र पर मार्च, 2016 में हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें व्यापार और वित्तीय सहयोग शामिल है।
मध्य जनवरी में नई सरकार के गठन के बाद नेपाल सरकार चीन के साथ रेल परियोजनाओं, मोटरवे और पनबिजली योजनाओं समेत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान करेगी। उन्होंने आगे कहा कि नेपाल चीन के ओबीओआर में शामिल होने को इच्छुक है।