वाशिंगटन, (हि.स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण एशिया नीति की घोषणा के सौ दिन बाद अमेरिका की नजर में भारत अफगानिस्तान में एक महत्वपूर्ण पक्ष है और वह इस देश के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने के नई दिल्ली के आवागमन के विकल्पों का समर्थन करता है।
ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘‘भारत ने यह साबित किया है कि अफगानिस्तान में वह एक पक्ष है और वह अफगानिस्तान को संरचनात्मक तौर पर सहयोग देने में दिलचस्पी रखता है।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति ट्रंप ने गत 21 अगस्त को अपने भाषण में भारत को अफगानिस्तान और उनके आर्थिक विकास में बड़ा पक्ष बताया था। मुझे लगता है कि भारत इस आह्वान का उत्तर दे रहा है।’’ नई दिल्ली में सितंबर में हुए सफल व्यापार सम्मेलन का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि इससे लाखों की संख्या में नए सौदे हुए हैं।”
भारत ने यहां के लिए हवाई गलियारा तैयार किया है, हवाई मार्ग शुरू किया है और अब ईरान के चाबहार बंदरगाह से गेहूं की पहली खेप वहां पहुंची है।
प्रशासन के इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम इसका पूर्ण समर्थन करते हैं कि भारत अपना आर्थिक संबंध बना रहा है और आवागमन के तरीके बढ़ा रहा है ताकि वह अफगानिस्तान के साथ आर्थिक रूप से ज्यादा जुड़ सके। ’’
ईरान के साथ ट्रंप प्रशासन की नीतियों के मद्देनजर चाबहार बंदरगाह पर सवाल करने पर अधिकारी ने कहा कि अमेरिका नहीं चाहता है कि आर्थिक गतिविधियों से ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड को लाभ हो। उन्होंने कहा, “ हम समझ सकते हैं कि अफगानिस्तान तक सामान पहुंचाने में भारत की अपनी चुनौतियां हैं।”