वाशिंगटन, (हि.स.) । भले ही अमेरिका पाकिस्तान को पानी पी-पी कर कोसता है, लेकिन कांग्रेस ने अफगानिस्तान में चलाए जा रहे अमेरिकी अभियानों को समर्थन देने के एवज में उसे गठबंधन सहायता निधि (सीएसएफ) से 70 करोड़ डॉलर तक की सहायता प्राप्त करने को अधिकृत किया है। यह जानकारी रविवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
समाचार पत्र डॉन की वेबसाइट के अनुसार, इस प्राधिकार को 2018 के राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए-2018) में सदन और सीनेट के संस्करणों में शामिल किया गया था, जिसे इस हफ्ते की शुरुआत में जारी किया गया।
इस समझौते वाले संस्करण में इसे शामिल किया गया है, क्योंकि अमेरिका के रक्षा सचिव जेम्स मैटिस ने प्रमाणित किया है कि पाकिस्तान ने अपने यहां के हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ स्पष्ट कदम उठाए हैं। उसे 35 करोड़ डॉलर से लेकर 70 करोड़ डॉलर तक की सहायता मुहैया कराई जाएगी।
एनडीएए ने अमेरिकी रक्षा विभाग से गुजारिश की है कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता पर नजर रखे ताकि इसका इस्तेमाल आतंकवादी समूहों की मदद के लिए नहीं हो सके।
इस समझौता संस्करण में पाकिस्तान में विभिन्न राजनीतिक या धार्मिक समूहों के कथित उत्पीड़न पर चिंता व्यक्त की गई है, जिसमें ईसाई, हिन्दू, अहमदिया, बलोच, सिंधी और हजारा समुदाय शामिल हैं।
इस विधेयक में मैटिस से गुजारिश की गई है कि वे सुनिश्चित करें कि पाकिस्तान अमेरिका से मिली सहायता का उपयोग अल्पसंख्यक समूहों पर जुल्म करने में नहीं करेगा।
समाचार एजेंसी टोलो न्यूज के अनुसार, इस दौरान नाटो ने कहा है कि पड़ोसी देशों की मदद के बिना अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता लाना संभव नहीं है।
नाटो के अफगानिस्तान में वरिष्ठ नागरिक प्रतिनिधि राजदूत कर्नेलियस जिमरमान ने कहा, " अफगानिस्तान में तब तक शांति नहीं आ सकती, जब तक हम उसमें अफगानिस्तान के पड़ोसियों को शामिल नहीं करेंगे।"