झारखंड
माओवादियों के आत्मसमर्पण के बाद न्याय के लिए पुलिस के पास पहुंची किस्मती
By Deshwani | Publish Date: 14/4/2017 12:38:24 PMगुमला, अप्रैल (हि.स)। माओवादी के मोस्ट वांटेड नकुल यादव और मदन यादव के आत्मसमर्पण करने के बाद क्षेत्र के लोग भयमुक्त होने लगे हैं। इसका ताजा उदाहरण अहले सुबह बिशनपुर थाना में देखने को मिला। यहां उग्रवाद प्रभावित बोरहा गांव की एक नाबालिक बच्ची ने बिशुनपुर थाना में आकर पुलिस को अपनी आपबीती बताई जो रोंगटे खड़े कर देने वाली थी।
बच्ची ने पुलिस को बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व गांव में मीटिंग घर नकुल यादव ने पूरे गांव के लोगों से बच्चे देने की मांग की थी। बच्चे नहीं देने पर लोगों को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। जिस कारण कई लोगों ने अपना-अपना बच्चा दे दिया। उसी में एक गांव की नाबालिक बच्ची किस्मती कुमारी भी शामिल थी। जिनकी किस्मत ही खराब थी। उसने बताया कि माओवादी उसे अपने साथ ले गए और उससे 3 गुना अधिक उम्र के 45 वर्षीय लोहरदगा निवासी अनिल उरांव के साथ जबरन उसकी शादी करा दी। किस्मती ने बताया कि नक्सली द्वारा ले गए अन्य छोटी बच्चियों के साथ हैं दूसरे माओवादी सदस्य जबरदस्ती उनके साथ दुष्कर्म भी किया करते थे। किस्मती ने बताया कि शादी के बाद उसके पति ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। जिससे डेढ़ माह पूर्व उसका एक बेटा भी हुआ है। बच्चे को अच्छी परवरिश मिले इसके लिए वह संगठन से भागकर अपने घर में रहने लगी। उसने जैसे ही पता चला कि नकुल और मदन ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया वह बिशुनपुर थाने में आकर अपनी आप बीती पुलिस के सामने सुनायी। थाना प्रभारी मुनीलाल लाल राणा ने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद जच्चा और बच्चा का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिशनपुर में कराया जा रहा है, जिसके बाद उसे सीडब्ल्यूसी में भेज दिया जाएगा।