झारखंड
कामडारा के एक ही विद्यालय में हैं दो प्रधानाध्यापक
By Deshwani | Publish Date: 13/7/2017 2:21:18 PMगुमला, (हि.स.)। गुमला जिले के कामडारा प्रखंड स्थित राउमवि सुरसांग में विद्यालय का संचालन काफी अनोखा ढंग से चल रहा है। यदि कहा जाय कि स्कूल के संचालन के लिए दो एचएम (हेडमास्टर) हैं तो लोगों को सहज विश्वास नहीं होगा, परंतु यह सच है। जानकारी के मुताबिक प्रखंड मुख्यालय से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित राउमवि सुरसांग में वर्ग प्रथम से लेकर आठवीं तक की पढ़ाई होती है। इसमें कुल 137 बच्चे नामांकित हैं। विद्यालय के एचएम की लापरवाही के कारण स्कूल की व्यवस्था काफी खराब है।
जबकि विद्यालय में दो शिक्षक अपने आप को एच.एम. होने का दावा कर रहे हैं। विद्यालय का संचालन वर्ष 2004 से एक पारा शिक्षक छोटु मुंडा द्वारा किया जा रहा है और वह अपने आप को विद्यालय का एचएम बताता है। जबकि इसी स्कूल में वर्ष 2016 माह जनवरी में एक सरकारी शिक्षक दीपक कुमार को पदस्थापित किया गया है। इसके बावजूद पारा शिक्षक के द्वारा किसी भी तरह का वित्तीय प्रभार नहीं सौंपा गया है। इधर लोगों के बीच चर्चा हो रही है कि उक्त विद्यालय में एक सरकारी शिक्षक होने के बावजूद एक पारा शिक्षक कैसे एचएम बना हुआ है। पत्रकारों ने जब पारा शिक्षक छोटु मुंडा से सवाल किया कि विद्यालय का एचएम कौन है, तो उन्होंने कहा कि विद्यालय में वित्तीय एचएम वह स्वयं हैं और शैक्षणिक एचएम दीपक कुमार हैं।
विद्यालय की कुव्यवस्था और मिड डे मील में मेनू के आधार पर भोजन नहीं दिए जाने को लेकर छोटु मुंडा ने बताया कि वित्तीय प्रभार सरकारी शिक्षक को क्यों सौंपा नहीं जा रहा है। इस पर चुप्पी साध ली।
राउमवि सुरसांग में वर्ग सात में शिक्षकों की लापरवाही के कारण अब तक कुल 17 स्कूली बच्चों को पाठ्य पुस्तक नहीं मिली है। विद्यालय में मिड डे मील पर बच्चों को नियमित रूप से नाश्ता नहीं दिया जाता है।