गोड्डा, (हि.स)। राजमहल परियोजना ललघुटवा के पास खाली छोड़े गये खदान में कोयला निकालने के क्रम में गुरुवार को चाल धसने से ललघुटवा गांव निवासी सुबिदा खातून की मौत हो गयी, जबकि एक अन्य महिला घायल हो गयी। हर दिन की तरह खदान में सुबिदा अपने मामा लाल मोहम्मद अंसारी के साथ कोयला निकालने के लिए खान में घुसी थी। खुदाई के क्रम में उसने देखा कि कोयला के ऊपर की मिट्टी दरक रही है, उसने अपने मामा से कहा की मिट्टी दरक रही है जो गिर सकती है पर मामा ने कहा कि कुछ नहीं होगा।
लेकिन चाल धसने से सुबिदा गंभीर रूप से घायल हो गयी। उसके पैर और सर में गंभीर चोटें आई थी। घटना के बाद उसे महागामा रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। दूसरी महिला का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है। उसे मामूली चोट आयी हैं। गौरतलब है कि लगभग 4 वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में कोयला खुदाई के लिए खदान बनाया गया था। कोयला निकालने के बाद उसे खुला ही छोड़ दिया गया। जिसमें आए दिन लोगों की जाने जा रही है। घटना की सूचना मिलने पर ललमटिया थाना प्रभारी मनोहर करमाली सदल-बल घटनास्थल पर पहुंचे और दोनों घायलों को महागामा अस्पताल भेजा गया।
घटना से आक्रोशित लोगों ने घटना के लिए राजमहल परियोजना प्रबंधन एवं प्रशासन को जिम्मेवार बताया है। लोगों ने इस संबंध में लिखित आवेदन भी ललमटिया थाने एवं अनुमंडल अधिकारी को प्रेषित किया है। लोगों का कहना है कि ससमय खदान को यदि बंद कर दिया जाता तो इस प्रकार की घटना नहीं होती। लोगों ने कहा कि यदि जल्द ही खदान को बंद नहीं कराया गया तो लोग उग्र प्रदर्शन करेंगे और भविष्य में होने वाली घटनाओं के लिए सीधे-सीधे परियोजना जिम्मेदार होगा। इधर प्रशासन ने इसे अवैध कोयला खनन बताते हुए कारवाई की बात कही है।