झारखंड
भेलवाघाटी नक्सलियों का सेफ जोन, 2005 में मारे गए थे 17
By Deshwani | Publish Date: 13/2/2017 4:26:48 PMरांची/गिरिडीह, (हि.स.)। गिरिडिह जिले का भेलवाघाटी काफी पहले से नक्सलियों का सेफ जाेन रहा है। वर्ष 2005 में नक्सलियों ने 17 लोगों की गला रेतकर हत्या कर दी थी। इसे राज्य का अब तक का सबसे बड़ा नरसंहार माना जाता है। यह इलाका एकबार फिर दहशत में है। रविवार की रात भाकपा माओवादियों ने भेलवाघाटी की मुखिया प्रभावति वर्णवाल के रमनीटांड स्थित घर में धावा बोलकर उसके 36 वर्षिय पुत्र सुभाष वर्णवाल और कारीपहरी बोंगी गांव निवासी श्याम सुंदर प्रजापति की गोली मारकर हत्या कर दी।
नक्सली पुलिस की वर्दी में आए थे। एके 47 की गोलियों की अवाज से ग्रामीण दहशत में आ गए। गोली लगने से मुखिया पति गौरी शंकर वर्णवाल और पुत्र रंजीत वर्णवाल की हालत गंभीर बनी हुई है। फिलहाल गिरिडीह के एसपी अखिलेश वी वोरयार के नेतृतव में नक्सलियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। छापेमारी में सीआरपीएफ के जवान भी शामिल हैं। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।