झारखंड
हथियार से लैश जनी शिकार पर निकली दर्जनों महिलाएं
By Deshwani | Publish Date: 1/5/2017 1:57:12 PMरांची। अरगोड़ा थाना स्थित कडरू के नया टोली से सोमवार को 12 साल बाद फिर महिलाएं पारंपरिक जनी शिकार पर निकली। इससे पूर्व महिलाओं के हथियार को सरना स्थल में रखकर पाहन ने पूजा अर्चना की। इसके बाद हाथ में पारंपरिक हथियार लेकर महिलाएं पुरुष के वेश में जनी शिकार पर निकल गयी। इस दौरान महिलाओं ने मुर्गी, खस्सी, सूअर और बतख का शिकार किया। इसके बाद सभी मिलकर उसे पकाते हैं और खाते हैं।
आदिवासी समाज के जानकार सुरेश ठाकुर ने संपर्क करने पर बताया कि जनी शिकार का शुभारंभ 1400 ई. में हुआ था। उन्होंने बताया कि एक बार जब पुरुष वर्ग युद्ध से लौटकर गहरी नींद में सो रहा था। आदिवासी समाज पर दूसरे समुदाय के लोगों ने आक्रमण कर दिया। उस समय महिलाओं ने जगाना उचित नहीं समझा और खुद पुरुषों के वेश धारण कर महिलाओं ने युद्ध किया जिसमें उनकी जीत हुई।
गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनी शिकार का सिलसिला शुक्रवार से ही शुरू है. पिठोरिया, रातू और जोन्हा में जनी शिकार पर महिलाएं निकलकर शिकार कर चुकी हैं। इस दौरान लोगों ने काफी विरोध किया और कई स्थानों पर नोक-झोंक भी हुई। रातू में शिकार पर गयी चार महिलाएं घायल भी हो गयी थी। जनी शिकार 12 वर्ष के बाद मनाया जाता है।