मुंबई, (हिंस) । कैंसर से जूझ रहे अभिनेता और लेखक टाम आल्टर का संघर्ष आज रुक गया। 67 वर्षीय अभिनेता ने आज सुबह अंतिम सांस ली और दुनिया को अलविदा कह दिया। रंगमंच से लेकर टीवी और फिल्मों की दुनिया में लंबी पारी खेलने वाले टाम आल्टर लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। उनको स्कीन कैंसर बताया गया था। कुछ ही दिनों पहले उनके बेटे के हवाले से खबर आई थी कि उनका कैंसर चौथी स्टेज पर पंहुच चुका है। मुंबई के सैफी अस्पताल में उनका इलाज हो रहा था।
300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके टाम आल्टर की सबसे बड़ी पहचान ये बनी कि वे अग्रेजों के खास तौर पर बुरे अंग्रेजों के किरदारों को खूब निभाते थे। ऐसे किरदारों के लिए वे फिल्मकारों की पहली पसंद बन चुके थे। बहुत सारे दर्शक उनको विदेशी मानते थे, लेकिन टाम भारत में ही जन्मे और यही पले-बढ़े और यहीं की मिट्टी में वे मिल गए। अंग्रेजी माता-पिता की संतान होने के बाद भी टाम आल्टर की हिंदी भाषा पर मजबूत पकड़ बहुत सारे हिंदी बोलने वालों को भी शर्मिंदा कर देती थी। उनका जन्म 22 जून 1950 को उत्तराखंड के मंसूरी में हुआ था। उनके पिता अमेरिका के रहने वाले थे और क्रिश्चन मिशनरी के लिए पहले लंदन में काम किया करते थे। उनका परिवार 1916 में भारत आया था और चेन्नई में रहने लगा था। इसके बाद ये परिवार लाहौर चला गया और कुछ दिनों के लिए सियालकोट में रहा। सियालकोट में ही टाम आल्टर के पिता का जन्म हुआ था। 1947 में भारत-पाक बंटवारा हुआ, तो टाम का परिवार भारत आ गया और इलाहबाद, जबलपुर, सहारनपुर में रहने के बाद देहरादून के पास राजपुर में सैटेल हो गया।
टाम बचपन से साहित्य और अभिनय के प्रेमी थे। स्कूल में भी रंगमंच पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। आगे की पढ़ाई के लिए टाम आल्टर को अमेरिका की मशहूर येले यूनिवर्सिटी में भेजा गया, लेकिन वहां टाम का मन नहीं रमा और वे भारत लौट आए, जहां हरियाणा के जगाधरी के एक कालेज में उनको प्राध्यापक की नौकरी मिल गई। वहीं टाम का क्रिकेट के प्रति प्रेम जागा और वे कालेज की क्रिकेट टीम के कोच बन गए। बहुत कम लोग जानते होंगे कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की जिंदगी का पहला इंटरव्यू टाम ने ही किया था और उसी वक्त टाम ने भविष्यवाणी कर दी थी कि सचिन भारत के लिए लंबी पारी खेलेंगे। 1972 में टाम ने पुणे इंस्टिट्यूट से दो साल का एक्टिग डिप्लोमा किया और सत्यजीत रे की एकमात्र हिंदी फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में काम किया। 80 में मनोज कुमार की क्रांति में उनको काम मिला और फिर ये सिलसिला आगे बढ़ता चला गया। 300 से ज्यादा देश-विदेश की फिल्मों में काम करने वाले टाम आल्टर को 2008 में सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। टीवी में राजीव मेहरा का शो जबान संभालके में उनकी परफारमेंस चर्चित रही। इस शो के अलावा शक्तिमान, यहां के हम सिकंदर और जुनून सीरियलों में टाम ने काम किया। जुनून का प्रसारण पांच साल से भी ज्यादा वक्त तक चला, जिसमें टाम आल्टर ने केशव का किरदार निभाया था।
टाम के निधन पर बालीवुड सितारों ने शोक व्यक्त किया है। अमिताभ बच्चन, अनुपम खेर, सतीश कौशिक, पंकज कपूर, शबाना आजमी, नंदिता दास, नसीरुद्दीन शाह, अर्जुन कपूर, फरहान अख्तर, मधुर भंडारकर,अनुभव सिन्हा, कबीर बेदी, रितेश देशमुख, महेश भट्ट, शेखर कपूर, बोमन ईरानी ने सोशल मीडिया पर टाम को याद करते हुए उनको श्रद्धांजलि अर्पित की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी टाम के निधन पर शोक व्यक्त किया है। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, टाम का अंतिम संस्कार आज शाम तक मुंबई में ही किया जाएगा।