कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्याल के वीसी ने गिनायी उपलब्धियां व प्राथमिकताएं, कहा- बिलिस-डिलिस की पढ़ाई होगी शीघ्र
दरभंगा। देवेन्द्र कुमार ठाकुर।
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक दरबार हॉल में आयोजित 42 वीं बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो सर्व नारायण झा ने की।अपने संबोधन के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय की ढेर सारी उपलब्धियों एवम भविष्य की प्राथमिकताओं को भी गिनाया।
बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो झा ने कहा कि भारतीय संस्कृति व उसके प्राण प्राच्य विद्या के संरक्षण व सम्बर्धन के साथ साथ विश्वविद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए शनिवार को उपस्थित सभी संस्कृतानुरागी मान्य सदस्यों से सद्भाव, सहयोग व मार्गदर्शन मांगा। उन्होंने कहा कि अगर सभी मिलकर प्रयासरत रहेंगे तो संस्कृत की लुप्त हो रही गरिमा पुनः वापस हो जायेगी। उन्होंने विश्वविद्यालय की ढेर सारी उपलब्धियों एवम भविष्य की प्राथमिकताओं को भी गिनाया।
बिलिस-डिलिस की जगी आस
सीनेट बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति श्री झा ने कहा कि यह घोषणा सबसे आह्लादित करने वाली है कि भविष्य में शीघ्र ही यहां बैचलर इन लाइब्रेरी एन्ड इन्फॉर्मेशन साइंस, डिप्लोमा इन लाइब्रेरी एन्ड इन्फॉर्मेशन साइंस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। राजभवन के निर्देशानुसार इस दोनों पाठ्यक्रमों को अब सेमेस्टर प्रणाली में तैयार कर महामहिम की स्वीकृति के लिए राजभवन भेजा गया है। आदेश प्राप्त होते ही व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के तहत ये कोर्स शुरू हो जाएंगे।
जीवंत होगा ललितकला संकाय
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का ललितकला संकाय वर्षों से बंद है। जबकि व्यावसायिक दृष्टि से यह संकाय अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे समन्धित एक प्रस्ताव तैयार कर राज भवन भेजा गया है। इस पर स्वीकृति मिलते ही ललितकला, संगीत एवम नाट्य आदि विषयों में स्ववित्त पोषित योजना के तहत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन शुरू हो जाएगा।
सीनेट को संबोधित करते कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के वीसी प्रो सर्व नारायण झा। फोटो-देशवाणी।
राजप्रसाद के जीर्णोद्धार का रास्ता साफ
संस्कृत विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन पूर्व के राज प्रसाद का अब जीर्णोद्धार होगा। वीसी ने कहा कि मुख्यमंत्री की विशेष रुचि के कारण उनका प्रयास सफल हो रहा है। बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम ने जीर्णोद्धार के लिए 6 करोड़ 94 लाख 47 हजार रुपये का प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भेजा है।
विश्वविद्यालय सूबे में अव्वल
कुलपति ने यह बताते हुए हर्ष व्यक्त किया कि हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि रही है- शैक्षणिक सत्र का पूर्णतः नियमित हो जाना। सूबे के यह एकमात्र विश्वविद्याल है जिसने 2018 के स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाओं की परीक्षा परिणाम घोषित कर अपने छात्रों को दीक्षांत समारोह आयोजित कर प्रमाण पत्र भी दे चुका है। प्रदेश में सबसे पहले 2018-19 के लिए छात्र संघ का चुनाव अपने यहां ही हुआ है।
नैड के साथ विश्वविद्यालय का करार
कुलपति ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय का नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी यानी नैड के साथ अनुबंध हो गया है। इसी प्रकार विश्वविद्यालय से दिए जाने वाले सभी परीक्षा प्रमाण पत्रों को केंद्र सरकार के डिजिलॉकर नामक एप्प पर भी शीघ्र डालने का काम किया जायेगा। इस नई व्यवस्था से छात्रों व आवेदकों को देश स्तर पर सहूलियत होगी।
विश्वविद्यालय का डीपीआर तैयार
कुलपति ने कहा कि खुशी की बात यह है कि विष्वविद्यालय मुख्यालय को पूर्ण विकसित तथा सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए डीपीआर योजना तैयार कर ली गयी है जो 20 करोड़ की है। वीसी ने बताया कि इसमें दो चरणों मे सौंदर्यीकरण के साथ अपग्रेडेशन का कार्य किया जायेगा।