फिल्मी पटकथा की तरह है- बच्चे का बिछड़ना व असली मां से मिलना, मां-बाप ने ही बेचा था 1.3 लाख में दुधमुहे को
दरभंगा। मो अब्दुल कलाम।
1 लाख 30 हजार में बेचे गए दूधमुहे बच्चे को दरभंगा की एक अदालत ने असली मां को सौपने का आदेश दिया है। बच्चे के बिछुड़ने व फिर मिलने की यह घटना फिल्मी पटकथा की तरह है। पूरे दरभंगा में यह खबर चर्चा का विषय बनी हुई है।
बताया गया है कि दो साल पूर्व पति राजीव व पत्नी वंदना ने आपसी सहमति से पैसों की तंगी में अपने कलेजे के टूकड़ा का सौदा किया था। मामले ने फिर मोड़ ले लिया। बच्चे को बेेंचने के बाद पति ने पत्नी को छोड़ दिया। उसने दूसरी शादी रचा ली। बेचारी पत्नी को कुछ हाथ नहीं लगा। न पति रहा न बच्चा ही। यानी वर्तमान का सहारा छूटा ही। भविष्य का सहारा उसका बच्चा भी छीन गया।
तब पत्नी ने न्यायालय का सहारा लिया। पत्नी वंदना ने अपने पति राजीव पर आरोप लगाया था कि उसके पति ने उसके बच्चे को 1 लाख 30 हजार रुपये में बेंच दिया है।
2016 बच्चे के जन्म के बाद हुआ था सौदा
बताया जाता है कि लहेरिया सराय थाने के उर्दू बाजार में राजीव कुमार अपनी पत्नी बंदना के साथ किराए के मकान में रहते थे। 9 अप्रैल 2016 को बंदना ने बच्चे को जन्म दिया। बच्चे का नाम शुभम रखा गया। बहादुरपुर थाने के मुसे गांव निवासी कथित बिचौलिए कुशेश्वर सहनी व उसकी पत्नी लालमुनी देवी ने बहला बच्चे का सौदा करवाया था। दोनों ने मुजफ्फरपुर के गायघाट निवासी नरेश सहनी के हाथों बच्चे को एक लाख तीस हजार रुपये में बेचवाया था। इसके कुछ ही दिनों बाद राजीव ने वंदना को छोड़ दूसरी शादी रचा ली। फिर 22 सितंबर 2017 को पति पर आरोप लगाते हुए वंदना ने न्यायालय की शरण ली।
जिसपर न्यायालय के निर्देशानुसार लहेरिया सराय महिला थाना कांड संख्या 1/18 के तहत मामला दर्ज करया गया। पुलिस के द्वारा अनुसंधान किया गया। जिसमें अनुसंधान के क्रम में घटना सत्य पाये जाने पर न्यायालय ने बच्चे को खरीदने वाले आरोपित महिला दंपति को हिरासत में लेकर बच्चे को उसके सही मां को सुपूर्द करने काे कहा।
बताया जाता है कि आरोपित महिला मंजू लेहरिया सराय महिला थाना पहुँच कर पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि उसने शादी के 18 साल बाद तक बच्चे को जन्म नहीं दे सकी। जिसके कारण वे वन्दना देवी से बच्चे को खरीदी थी। वैसे वन्दना देवी भी दूसरी शादी रचा ली है। समाचार लिखे जाने तक बच्चे की अपनी माँ अभी तक महिला थाना नहीं पहुँची।