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दरभंगा
वैश्वीकरण के दौर में पर्यटन के उभरते परिदृश्य विषय पर दरभंगा में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
By Deshwani | Publish Date: 7/12/2018 7:40:39 PM
वैश्वीकरण के दौर में पर्यटन के उभरते परिदृश्य विषय पर दरभंगा में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते अतिथि। फोटो-देशवाणी।

दरभंगा। देवेन्द्र कुमार ठाकुर।

 ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रशासन विभाग द्वारा आयोजित वैश्वीकरण के दौर में पर्यटन के उभरते परिदृश्य विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। सम्मेलन का उदघाटन सत्र विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में संपन्न हुआ। उद्घाटन सत्र की शुरुआत सम्मेलन के आयोजक सचिव प्रोफेसर हरेकृष्णा सिंह के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने अतिथियों को पुष्प गुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया।


 कुल गीत गायन के पश्चात परंपरानुसार दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ हुआ। पूर्व वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रोफेसर बीबीएल दास ने सम्मेलन के विषय पर थीम प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अतुल परबतियार ने पर्यटन के क्षेत्र में उपलब्ध संभावनाओं पर प्रकाश डाला। साथ ही साथ क्षेत्रीय परिवेश में बिहार में पर्यटन के प्रयाप्त पोषण के लिए ब्रांड बिहार को विकसित करने की आवश्यकता जताई। इतना ही नहीं विषय के साथ सर्वाधिक प्रचलित धर्म में से चार हिंदू, बौद्ध, जैन एवं सिख के आधार बिहार से जुड़े हैं। बिहार का ऐतिहासिक महत्व रहा है। यहां ग्रामीण पर्यटन के साथ ही स्वास्थ्य पर्यटन की पर्याप्त संभावनाएं हैं।उनके अनुसार पर्यटन के विकास के लिए शिक्षा एवं आधारभूत संरचना पर ध्यान देना आवश्यक है।


जम्मू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पी एस मन्हास ने लोगों की यादों पर ध्यान देने की बात कही। उनके अनुसार पर्यटन के विकास को पर्यटकों से जोड़ना जरूरी है। अगर पर्यटकों का अनुभव अच्छा रहेगा तो इसका सकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्य में कृषि पर्यटन की व्यापक संभावनाएं हैं। इसका दोहन किया जाना चाहिए। उन्होंने बिहार के धार्मिक स्थलों की बहुलता को भी संदर्भित किया और यहां धार्मिक पर्यटन के विकास की संभावना को रेखांकित किया।

हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्याल उत्तराखंड के प्रोफेसर एस के गुप्ता ने बिहार में शैक्षिक पर्यटन के अतीत वर्तमान और भविष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य में विरासत में प्राप्त ऐतिहासिक स्थलों के व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता जताई। पर्यटन के विकास से राज्य के सामाजिक आर्थिक विकास भी  होगा। राज्य में पर्यटन के विकास की संभावनाओं को मार्केटिंग के तकनीकों की सहायता से लाभदायक स्थिति में बदला जा सकता है।

समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय विश्वविद्यालय गया के उपकुलपति प्रोफेसर ओपी राय ने सेवा क्षेत्र से जुड़े पर्यटन को विकसित करने पर जोर दिया। प्रोफेसर राय ने इसके लिए कानून एवं व्यवस्था की अच्छी स्थिति बनाए रखने की अहमियत जताई।  ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल एनके राय ने कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह का संदेश सभा में रखा। सत्रों के प्रतिवेदक डॉ शैलेंद्र कुमार झा एवं डॉ बीके मिश्रा थे। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के प्रतिवेदक पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना के प्रोफेसर आरयू सिंह थे।

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