दरभंगा। मो अब्दुल कलाम।
पर्यावरण है, तभी हम है। पर्यावरण से हम हैं, हमसे पर्यावरण नहीं। उक्त बातें हर आदमी को समझनी होगी। प्राणी अपने जीवन के लिए वनस्पति जगत पर आश्रित है। फिर भी हम उसे जाने-अनजाने नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसलिए हर मनुष्य का दायित्व बनता है कि वो पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करें। उक्त संबोधन एमएलएसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ विद्यानाथ झा के हैं। विश्व पर्यावरण दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस के अवसर पर एमकेपी विद्यापति उच्च विद्यालय के परिसर में डॉ प्रभात दास फाउण्डेशन द्वारा आयोजित ‘‘कैसे बचाएं, अपना पर्यावरण’’ विषयक भाषण प्रतियोगिता सह पौधारोपण कार्यक्रम किया गया था।
डॉ झा ने कहा कि प्राणी जगत वायुमंडल में मौजूद जिस ऑक्सीजन के जरिए जीवित रहते है उसे पेड़-पौधे ही उत्पन्न करते है। ये प्राणी जगत के आधार है परंतु मानव इसके महत्व और उपयोग को समझते हुए भी अपने क्षणिक लाभ के लिए इसे नष्ट करने पर उतारू है जिसके कारण हमारा पर्यावरण बीमार हो गया है और इसका गंभीर परिणाम देखने को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज पर्यावरण की महत्ता को समझते थे। इसलिए उन्होंने प्रकृति पूजन को प्रकृति संरक्षण के रूप में मान्यता दी। विद्यालय के वरीय शिक्षक सुनील कुमार ने कहा कि जिस तरह से हमारे शरीर में मौजूद प्रतिरोध क्षमता रोगों से हमें बचाता है। उसी तरह से वायुमंडल में मौजूद हानिकारण तत्वों से सजीव जगत की रक्षा पर्यावरण करता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य मो मकसूद आलम ने कहा कि हमने प्रकृतिप्रद संसाधनों का स्वरूप बिगाड़ दिया है, जिसके कारण हमें कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। शिक्षक दिलीप कुमार ठाकुर, दिलीप मंडल, राजा यादव, प्रमोद यादव, अजय पासवान, मो. मोख्तार आलम, मनीषा भारती, माला कुमारी एवं फाउण्डेशन के राजकुमार गणेशन, अनिल कुमार व मनीष आनंद आदि कार्यक्रम में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वरीय शिक्षक संजय कुमार चौधरी ने किया।