बिहार
दरभंगा स्टेशन विश्रामालय से अपहृत एक वर्षीय नंदन केशरी मुक्त, चोरी के आरोपी दंपति गिरफ्तार
By Deshwani | Publish Date: 24/10/2018 8:22:28 PMजीआरपी थाना में मुक्त कराया गया बच्चा अपने माता-पिता के साथ। फोटो- देशवाणी।
दरभंगा। देवेन्द्र कुमार ठाकुर।
आरपीएफ और दरभंगा जीआरपी पुलिस की संयुक्त टीम ने दरभंगा स्टेशन से गायब बच्चे को मंगलवार की देर रात सदर थाने के कबीरचक से मुक्त कर लिया। बीते 21 अक्टूबर की सुबह दरभंगा रेलवे के विश्रामालय से त्रिवेणीगंज निवासी उदय मंडल के 1 वर्षीय पुत्र केशरी नंदन को चुरा लिया गया था। तब से जीआरपी और आरपीएफ ने इसे बच्चे की चोरी को चुनौती के रूप में लिया था। बच्चे केशरी नंदन को इलाज के लिए उनके माता-पिता हैदराबाद ले जा रहे थे। ट्रेन विलंब थी। इसलिए विश्रामालय में रुके थे। मां को थोड़ी देर के लिए नींद लगी तभी बच्चे को चुरा लिया गया। चोरी के आरोपी दम्पति को भी गिरफ्तार किया गया है।
मुक्त कराए जाने पर दरभंगा जीआरपी व आरपीएफ के पदाधिकारियों की वाहवाही की जा रही है।
पुलिस ने बच्चा चोरी के मामले में एक दंपति को भी गिरफ्तार किया है। इनकी निशानदेही पर छापेमारी की जारी है। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के दो अपराधी अभी भी फरार हैं। स्थानीय थाना पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार नीरज कुशवाहा और प्रियंका देवी कबीरचक मोहल्ला के रहने वाले हैं। नीरज ने दो शादियां की है। पहली पत्नी प्रियंका से कोई बच्चा नहीं है। वहीं, नीरज स्टेशन पर टेम्पो चलाता है और मौका देख आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता है।
बता दें कि बीते 21 अक्टूबर को दोनों आरोपियों ने प्लेटफार्म संख्या एक स्थित प्रतीक्षालय के मिथिला हॉल से एक बच्चे को चोरी कर लिया था। इसके बाद रेलवे पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे के आधार पर दंपति को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में दोनों ने बच्चा चोरी करने की बात स्वीकार कर ली है। बच्चे को अगवा करने के बाद दंपति ने तीन दिनों तक उसे कभी घर तो कभी टेंपो में रखा। जीआरपी थानाध्यक्ष इमरान आलम और आरपीएफ सब इंस्पेक्टर जवाहर लाल ने जब स्टेशन परिसर से अपनी जांच शुरू की तो टेम्पो चालक नीरज पर शक हुआ। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने गुनाह कबूल कर लिया और बताया कि बच्चा उसकी पत्नी के पास है। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर बच्चे को अपने कब्जे में लेकर प्रियंका को भी गिरफ्तार कर लिया।