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बिहार
दरभंगा में 15 से 20 वर्ष की उम्र के लाभार्थी उठा वृद्धा पेंशन, डीएम ने सैकड़ो खातों पर लगाई रोक
By Deshwani | Publish Date: 5/10/2018 9:37:15 PM
दरभंगा में 15 से 20 वर्ष की उम्र के लाभार्थी उठा वृद्धा पेंशन, डीएम ने सैकड़ो खातों पर लगाई रोक

दरभंगा। देवेन्द्र कुमार ठाकुर।

 वृद्धा पेंशन के नाम पर लाखों रूपये की फर्जीवाड़ा किये जाने का मामला सामने आया है। डीएम ने इसके लिए जांच टीम गठित की थी। जांच टीम ने इस मामले को उजागर किया है। डीएम ने एेसे सैकड़ों खातों पर रोक लगा दी है।
 
 

गठित हुई थी दो सदस्यीय जांच टीम-
 
 

जिले के तारडीह प्रखंड के लगमा पंचायत के रहने वाले एक व्यक्ति ने जिला पदाधिकारी को लिखित षिकायत कर बताया था कि कई व्यक्तियों ने कम उम्र में ही वृद्धा पेंशन का लाभ लेना शुरू कर दिया है। अगर इसकी जांच करायी जाय तो सरकार के लाखों रुपये की हो रही हानि को रोका जा सकता है। इस पर डीएम डॉ चन्द्रशेखर सिंह ने दो सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था। टीम में प्रशिक्षु आईएएस विवेक रंजन मैत्रय एवं सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक रवि शंकर शामिल किए गए थे।
 

अभी दो दर्जन लाभार्थियों की उम्र निकली 15 से 20 वर्ष-
 
 

जांच के दौरान कई चौकाने वाले मामले उजागर हुए है। जांच टीम के सदस्य सहायक निदेशक रवि शंकर ने बताया कि जांच के दौरान लगभग चार दर्जन से अधिक लोगो की उम्र का सत्यापन किया गया  लाभार्थी 15 से 20 साल की उम्र के निकले।
 

खातों पर लगी रोक-
 

उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि अभी जाचं चल ही रही है। पूरी जांच तक दो सौ व्यक्तियो तक फर्जीवाड़ा का मामला निकल सकता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सारी जांच रिपोर्ट जिला अधिकारी को सौपी जायेगी। फिलहाल फर्जीवाड़ा करने वाले के खिलाफ कदम उठाते हुए बैंक से निकासी पर रोक लगा दी गयी है।
 
 
ज्ञात हो कि इस तरह का फर्जीवाड़ा प्रखंड के एक दो गांव में ही नहीं बल्कि 18 प्रखंड की 330 पंचायत में यही स्थिति है। जहां मुखिया स्तर से लेकर प्रखंड अधिकारी तक की मिली भगत रहती है। जहां पैसे एवं पैरवी के बल पर कम उम्र मे ही वृद्धा पेंशन का लाभ उठाने लगते हैं। वहीं वे लोग जो वृद्धा पेंशन के असली हकदार है वे दर-दर भटक रहे हैं। वे प्रखंड स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक दर्जनों बार दौर लगाते लगाते थक जाते हैं। वहीं आम लोगो का यह कहना है कि इस तरह के फर्जीवाड़ा में शामिल असली हकदार लोगो को बेनकाव कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। ताकि गरिबों के हक मारने से पहले यह लोग हजार बार सोचे।

 

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