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बिहार
दरभंगा की हावीडीह पंचायत में पीने के पानी लिए त्राहिमाम, सूख चुके हैं अधिकांश चापकल
By Deshwani | Publish Date: 2/10/2018 7:35:17 PM
दरभंगा की हावीडीह पंचायत में पीने के पानी लिए  त्राहिमाम, सूख चुके हैं अधिकांश चापकल

दरभंगा में पानी के लिए कतार में लगी महिलाएं। फोटो- देशवाणी।

दरभंगा। मो अब्दुल कलाम। देशवाणी।
 
 जिले के ग्रामीण इलाकों में पानी का संकट गहराता जा रहा है। जलस्तर घटने से न केवल खेतों में सिंचाई प्रभावित हो रही है। बल्कि पीने के पानी की भी काफी किल्लत हो गयी है। गांव की महिलाएं घंटों पानी की कतार में खड़े रहने को मजबूर है। कई बार पानी को लेकर आपस में विवाद उत्पन हो जा रहा है जिससे मामला आपस में हाथापाई तक पहुंच जा रहा है। आलम यह है कि पीने के पानी के लिए तीन-तीन किलोमीटर तक दूर तय करनी पड़ रही है।
 
 

पानी के लिए तीन-तीन किलोमीटर की दूर करनी पड़ती तय-

मामला दरभंगा जिले के बहेड़ी प्रखंड के हावीडीह पंचायत का है। जहां पिछले ढ़ाई महीने से लोग एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। पानी के लिए तीन-तीन किलोमीटर दूर से महिलाओं को पानी लाना पड़ रहा है। ऐसे में परेशान महिलाएं जन प्रतिनिधियों के सामने अपनी समस्या कह रही है। हलांकि अभी तक आश्वासनो से अलग कोई हल नहीं हो पाया।
एक ओर बारिश से देश का बड़ा हिस्सा बुरी तरह से प्रभावित रहा तो दूसरी ओर बिहार के दरभंगा और ग्रामीण अंचल क्षेत्र में पानी की कमी से जूझ रहे हैं। यहां जलस्तर तेजी से कम हो गया है।
 

यहां हर घर जल नल योजना के तहत घरों में नलों से पानी की आपूर्ति के प्रयास भी आधे अधूरे हैं।  इसका सबसे ज्यादा असर पीने के पानी पर हो रहा है। गांव की महिलाएं चापाकल के लिए घंटों लाइन लगाकर खड़ी रहने को मजबूर हैं। सबसे ज्यादा परेशानी हावीडीह पंचायत के क्षेत्रों में है। जहां गांव में बिजली की भी भारी किल्लत है।  बिजली विभाग के ढुलमुल रवैया की वजह से बिजली की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण भी पानी की किल्लत बनी हुयी है।
 

 
चापाकलों की कराई जाएगी मरम्मत- पीएचईडी

इसी समस्या के मद्देनजर जब पंचायत के मुखियापति कन्हैया यादव से बात की गई। उन्होंने कहा कि पानी की दिक्कत तो है। लेकिन प्रशासन उनकी बातों पर ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि दरभंगा पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अगले साल भी पंचायत में पानी की समस्या उत्पन हुई थी। तो जिले से टैंकर द्वारा पानी की सप्लाई की जाती थी। उन्होंने आगे कहा कि  एक-दो दिनों में कैंप लगाकर सूखे हुए चापाकल की मरम्मत करायी जाएगी।
वैसे ब्लॉक में चल रहे जल नल योजनाएं भी कछुए की गति से चल रही है। 14 वार्ड में से 10 वार्डों तक जल नल योजना अभी तक नहीं पहुंच पाई है। यूं तो अल्प वर्षा और सूखे के चलते इस बार पानी वाले क्षेत्रों में भी पेयजल की समस्या आ रही है। लेकिन विभागीय लापरवाही से स्थितियां और भी बिगड़ रही है।
 
 

चालू 12 सरकारी चापाकलों पर दबंगों का कब्जा-

ज्ञात हो कि पंचायत की कुल आबादी 6 हजार से अधिक है। वैसे कुछ चापाकल ऐसे भी हैं जिसे मरम्मति कराकर कर चालू किया जा सकता है। लेकिन विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। गांव में लगे मोटर पम्प से भी पानी लोगों को नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण ग्रामीण दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर हैं। गांव के ही कई लोगों ने बताया की 12 चापाकल जो सरकारी है और चालू हालत में है। उस पर गांव के ही दबंग लोगों का कब्जा हो चुका है। वहां से उन्हें पानी नहीं लेने दिया जाता है। ऐसे में पूरा गांव जल संकट को लेकर त्राहिमाम है।
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