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दरभंगा
पढ़ाई करने के साथ-साथ वे अपने चरित्र निर्माण पर भी ध्यान दें-डॉक्टर झा
By Deshwani | Publish Date: 30/9/2018 9:01:57 PM
पढ़ाई करने के साथ-साथ वे अपने चरित्र निर्माण पर भी ध्यान दें-डॉक्टर झा

कार्यक्रम को संबोधित करते एम एल एस एम के प्रचार्य

दरभंगा। लालबाबू। देशवाणी न्यूज नेटवर्क।

गांधी जी ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के समय बुनियादी शिक्षा की कल्पना की थी। जो आज भी प्रासंगिक है। विश्वविद्यालय स्तर पर इसे ही फाउण्डेशन कोर्स कहा जाता है। शिक्षा के बारे में गांधीजी का दृष्टिकोण वस्तुतः व्यवसायपरक था। उनका मत था कि भारत जैसे गरीब देश में शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ धनोपार्जन भी होना चाहिए।
 
 
जिससे भारतीय आत्मनिर्भर बन सके। वे शिक्षा को मानव के सर्वांगीण विकास का सशक्त माध्यम मानते थे। उनका मानना था कि व्यक्ति अपनी मातृभाषा में शिक्षा को अधिक रूची तथा सहजता के साथ ग्रहण कर सकता है। इसलिए वे आरंभिक शिक्षा को मातृभाषा में दिये जाने के पक्षधर थे। उक्त बातें डॉक्टर प्रभात दास फाउण्डेशन के द्वारा नागेन्द्र झा महिला महाविद्यालय के सभागार में आयोजित ‘‘गांधी जी एवं आधुनिक शिक्षा’’ विषयक संगोष्ठी सह ‘‘टैलेंट सर्च प्रतियोगिता-2018’’ के सफल प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार वितरण करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में एम एल एस एम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर विद्यानाथ झा ने कही।
 उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि पढ़ाई करने के साथ-साथ वे अपने चरित्र निर्माण पर भी ध्यान दें। ताकि एक सशक्त भारत का निर्माण हो सके।
 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नागेन्द्र झा महिला महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर ऋषि कुमार राय ने कहा कि वर्तमान समय में भारतीय समाज की समस्याओं का एक बड़ा कारण व्यक्ति की भ्रष्टाचार, बढ़ती हुई स्वार्थवादी प्रवृति और नैतिकता का ह्रास है। ऐसे में शिक्षा द्वारा नैतिकता को बढ़ावा दिये जाने से इन समस्याओं का समाधान हो पायेगा। वर्तमान शिक्षा पद्धति महात्मा गांधी के बुनियादी शिक्षा पद्धति से अलग-थलग है। कार्यक्रम को अनुभव कुमार, ऋचा कुमारी, सत्यम कुमार, शीतांशु कुमार, प्रिंस कुमार ने भी संबोधित किया। समारोह का संचालन फाउण्डेशन के सचिव मुकेश कुमार झा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के भगवान जी ने किया। मौके पर अनिल कुमार सिंह, नवीन कुमार, मनीष आनंद, मोहन साह, नीरज कुमार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में 26 प्रतिभागी को पुरूस्कृत किया गया।
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