स्व. ललित नारायण की सोच, हर वर्ग को साथ लेकर चलने की थी : ऋषि मिश्र
दरभंगा, (हि.स.)। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित जुबली हाल में शुक्रवार को स्व. ललित नारायण मिश्र की 96वीं जयंती मनाई गई। जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पधारे स्व. मिश्र के पौत्र सह पूर्व विधायक ऋषि मिश्र ने कहा कि स्व. ललित बाबू की सोच, समाज के हर एक वर्ग को साथ लेकर चलने की थी। वे रिश्तों की अहमियत को जिस प्रकार से प्राथमिकता दिया करते थे, उसे आत्मसात करने की आवश्यकता है।
मिश्र ने कहा ने कहा कि स्व ललित व्यक्तित्व बनकर जीने में विश्वास रखते थे, इसीलिए हर एक व्यक्ति की सोच होनी चाहिए कि साक्षर व शिक्षित बनने से पहले वे इंसान बने।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि किसी पुरुष को महापुरुष बनने के लिए व्यक्तित्व में जिस ठहराव व दूरदृष्टि की आवश्यकता होती है, वह स्व. ललित बाबू में थी। आज भी जब इस प्रदेश अथवा इस प्रक्षेत्र का कोई विकासपरक कार्य पूरा होता है तो आम लोग ही नहीं, अपितु नेतागण को भी यह कहते हुए सुना जाता है कि ललित बाबू का सपना पूरा हुआ।
विशिष्ट अतिथि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. सीपी सिंह ने कहा कि कोशी क्षेत्र के पुर्ननिर्माण का श्रेय स्व. ललित नारायण मिश्र को जाता है, जिन्होंने सर्वप्रथम कोसी की त्रासदी को लेकर राष्ट्रीय सम्मेलन कर इस समस्या को राष्ट्रीय समस्या का दर्जा दिलवाया।
स्वागत भाषण कुलसचिव मुस्तफा कमाल अंसारी द्वारा दिया गया। मंच संचालन डॉ अजयनाथ झा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू द्वारा दिया गया।