दरभंगा
डॉ मानस बिहारी वर्मा को पद्मश्री मिलने से आम जनमानस आह्लादित
By Deshwani | Publish Date: 26/1/2018 12:59:46 PMदरभंगा (हि.स.)। सुविख्यात वैज्ञानिक सह प्रतिष्ठित शिक्षाविद् डॉ. मानस बिहारी वर्मा को पद्मश्री से नवाजे जाने की खबर मिलते ही लोगों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई।
डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक व एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के निदेशक के रूप में उनकी देखरेख में लड़ाकू विमान तेजस का निर्माण किया गया था। सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट तेजस आज भारतीय वायु सेना की शक्ति बढ़ा रहा है। इस क्षेत्र में अहम योगदान करने के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में दूर दराज के गांव में जाकर डॉ. वर्मा सेवानिवृति के बाद बच्चों में शिक्षा की अलख जगाते रहे। पूर्व राष्ट्रपति व मिसाइल मैन डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम से डॉ. वर्मा की गहरी मित्रता थी। उनके बुलावे पर डॉ. कलाम दो बार दरभंगा आए थे।
डॉ मानस बिहारी वर्मा का जन्म घनश्यामपुर प्रखंड के दूर दराज गांव बाउर में 29 जुलाई 1943 को हुआ था। गांव में ही प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए वे पटना चले गए। पटना विश्वविद्यालय से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद लम्बे समय तक उन्होंने वैज्ञानिक के रूप में डीआरडीओ एवं एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी में अपनी सेवा दी। सेवानिवृत होने के बाद डॉ कलाम के अगस्ता फाउंडेशन की मदद से उन्होंने बाउर व अन्य दूरदराज गांवों के मुसहर टोला में 11 संध्या शिक्षा सेंटरों की स्थापना की और वहां जाकर वे वंचित बच्चों को शिक्षा प्रदान करते रहे। अगस्ता फाउंडेशन की ओर से प्राप्त तीन चलंत साइंस व कम्प्यूटर लैब के जरिए उन्होंने जिले के दर्जनों स्कूल जाकर बच्चों को आगे चलकर वैज्ञानिक बनने के गुर सिखाए। डॉ वर्मा वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट सहित सामाजिक कार्यों में लगे हुए हैं। सेवानिवृति के बाद वे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय अंतर्गत संचालित वीमेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का पहला निदेशक बनने का गौरव उन्हें प्राप्त हैै।