दरभंगा, (हिं.सं). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा मोहन भागवत ने बुधवार को संघ के स्वयंसेवकों का आह्वान करते हुए उनसे अपने आचरण से समाज में सकारात्मक पहल करने।
उन्होंने कहा कि संघ का संस्कार बडबोलेपन का और अपनी मतलब साधने के लिए कुछ भी कह देने का नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयसेवकों का कार्य समाज में दिखना चाहिए।
डा भागवत डीएमसीएच आडीटोरियम में नगर एकत्रीकरण में स्वयसेवकों को और कुछ विशिष्ट नागरिकों को संबोधित कर रहे थे। अध्यक्षता उतर-पूर्व क्षेत्र के संघचालक ई सिद्धि नाथ सिंह ने की। इस अवसर पर उतर-पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रचारक रामदतजी, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, राज्यसभा सांसद आर के सिंहा उपस्थित थे । डा भागवत ने कहा कि संघ में शाखा का कार्य नित्य-प्रतिदिन तपस्या का कार्य है। जिसमें व्यक्ति का नवनिर्माण होता है।लेकिन इस व्यक्ति का उपयोग समाज में बदलाव लाने के लिए होना चाहिए।
जब व्यक्ति बदलेगा तभी समाज बदलेगा। समाज बदलेगा तभी देश की दशा और दिशा बदलेगी। डा भागवत ने कहा कि संघ के स्वयसेवकों को राजनीतिक और विवादास्पद विषयों से बचते हुए ऐसे कार्य करने चाहिए जिसपर देश के सभी राजनीतिक विचारधारा के अधिकांश लोग एकमत है । उन्होंने कहा कि परिवार को अच्छे संस्कार, देश, समाज के सभी वर्ग और जाति के लोगों को अपने ही परिवार का सदस्य मानने की आवश्यकता है ।
डॉ भागवत ने कहा कि छुआछूत, वैमनस्यता को समाप्त कर सामाजिक समरसता कायम करना और किसानों की खेती को लाभप्रद बनाने के लिए गौवंश संवर्द्धन तथा जैविक खेती को बढावा देना ऐसे कार्य हैं, जो दिखते तो छोटे है, किन्तु इनका समाज में परिवर्तन की दिशा में बहुत बडा योगदान हो सकता है।