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दरभंगा
मिथिला विवि के संगीत व नाट्य विभाग में गायन की प्रस्तुति
By Deshwani | Publish Date: 11/1/2018 9:20:26 PM
मिथिला विवि के संगीत व नाट्य विभाग में गायन की प्रस्तुति

दरभंगा, (हि.स.)| ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय अंतर्गत संगीत एवं नाट्य विभाग में गुरुवार को प्रातः कालीन सत्र में गायन सोदाहरण-व्याख्यान पंडित प्रशांत कुमार मल्लिक द्वारा प्रस्तुत किया गया। पंडित मल्लिक दरभंगा घराना के तेरहवीं पीढ़ी के युवा ध्रुपद गायक हैं। पंडित प्रेम कुमार मल्लिक गायन विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय,0 इलाहाबाद के बड़े पुत्र प्रशांत कुमार मल्लिक अपने छोटे भाई पंडित निशांत कुमार मल्लिक के साथ युगल गायक के रूप में ख्यातिलब्ध हैं। अंतर्राष्ट्रीय मल्लिक बंधु आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के 'ए' ग्रेड के कलाकार हैं और उन्हें केंद्रीय संगीत नाट्य अकादमी का 'उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार' एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 'बिहार कला पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चुका है।

आज के समारोह में प्रशांत कुमार मल्लिक ने सर्वप्रथम राग तोड़ी से अपना गायन प्रारंभ किया। तोड़ी में अलाप और जोड़ के बाद चौताल में ध्रुपद प्रस्तुत किया, जिसके बोल थे-'आदि ब्रह्म निराकार तेरो प्रकृति शक्ति सगुण'। राग तोरी को सोदाहरण-व्याख्या करते हुए उसमें लगने वाले स्वरों तथा ध्रुपद गायकी के तत्वों के साथ-साथ विभिन्न लय कार्यों को दर्शाते हुए संपूर्ण ध्रुपद का दर्शन कराया। इनकी गायकी सुमधुर प्रस्तुति आकर्षक है। तैयारी का अद्भुत संगम भी है। वरिष्ठ ध्रुपद गायक इनके गायन में साथ दे रहे थे, दरभंगा घराना के ही वरिष्ठ ध्रुपद गायक पंडित राम कुमार मल्लिक के छोटे सुपुत्र पंडित संगीत कुमार मल्लिक। इनकी गायकी भी अत्यंत सुमधुर एवं आकर्षक है। पखावज पर इनके साथ संगति कर रहे थे दरभंगा घराना के ही वरिष्ठ पखावज एवं तबला वादक पंडित रमेश कुमार मल्लिक के सुपुत्र कौशिक कुमार मल्लिक। प्रशांत मल्लिक ने अपने गायन का समापन राग अहीर भैरव में पंडित प्रेम कुमार मल्लिक द्वारा स्वर्ण ताल बद्ध सूरदास की रचना 'रे मन कृष्ण नाम कहिए' से किया।
सत्र का शुभारंभ विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग की छात्राओं पूजा एवं प्रिया राज के द्वारा कुलगीत से हुआ | इसके बाद विभागाध्यक्ष प्रोफेसर लावण्या कीर्ति सिंह 'काव्या' द्वारा सभी कलाकारों को पाग, चादर एवं पुष्प गुछ द्वारा सम्मानित किया गया। मंच संचालन विभाग की छात्रा सुष्मिता कुमारी द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पम नारायण ने किया। 
बताते चलें कि मल्लिक बन्धु को नार्थ अमेरिकन ध्रुपद एसोसिएशन कैलिफोर्निया (यूएसए) द्वारा इंटरनेशनल अवार्ड, इंटरनेशनल ध्रुपद धाम , जयपुर द्वारा ध्रुपद नाद रत्न, पद्मविभूषण विश्वमोहन भट्ट द्वारा पं. मनमोहन भट्ट अवार्ड, अखिल भारतीय रेडियो संगीत प्रतियोगिता 2001 में प्रथम स्थान के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा स्वर्ण पदक भी प्राप्त हो चुका है।
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