ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
बिहार
जन्म के शुरूआती 2 घंटों तक शिशु होते हैं अधिक सक्रिय, जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान जरुरी
By Deshwani | Publish Date: 31/12/2019 3:26:19 PM
जन्म के शुरूआती 2 घंटों तक शिशु होते हैं अधिक सक्रिय, जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान जरुरी

छपरा: गर्भ में 9 महीने रहने के बाद शिशु का माता के साथ गहरा जुड़ाव कायम हो जाता है. इसलिए जन्म के तुरंत बाद शिशु को प्राकृतिक रूप से स्तनपान का वरदान प्राप्त होता है. जन्म के शुरूआती 2 घंटों तक शिशु अधिक सक्रिय रहते हैं. इसलिए शुरूआती 1 घंटे के भीतर ही स्तनपान शुरू कराने की सलाह दी जाती है. इससे शिशु सक्रिय रूप से स्तनपान करने में सक्षम होता है. साथ ही 6 माह तक केवल स्तनपान भी जरुरी होता है. इस दौरान स्तनपान के आलावा बाहर से कुछ भी नहीं देना चाहिए. ऊपर से पानी भी नहीं. 

सिजेरियन प्रसव में भी 1 घंटे के अंदर स्तनपान: 
स्टेट रिसोर्स यूनिट के बाल स्वास्थ्य टीम लीड डॉ. पंकज मिश्रा ने बताया जन्म के शुरूआती 1 घंटे के भीतर शिशुओं के लिए स्तनपान अमृत समान होता है. यह अवधि दो मायनों में अधिक महत्वपूर्ण है. पहला यह कि शुरुआती 2 घंटे तक शिशु सर्वाधिक सक्रिय अवस्था में होता है. इस दौरान स्तनपान की शुरुआत कराने से शिशु आसानी से स्तनपान कर पाता है. सामान्य एवं सिजेरियन प्रसव दोनों स्थितियों में 1 घंटे के भीतर ही स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है. इससे शिशु के रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. जिससे बच्चे का निमोनिया एवं डायरिया जैसे गंभीर रोगों में भी बचाव होता है.
भ्रांतियों से रहें दूर: 
शुरूआती समय में एक चम्मच से अधिक दूध नहीं बनता है. यह दूध गाढ़ा एवं पीला होता है. जिसे क्लोसट्रूम कहा जाता है. इसके सेवन करने से शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. लेकिन अभी भी लोगों में इसे लेकर भ्रांतियाँ है. कुछ लोग इसे गंदा या बेकार दूध समझकर शिशु को नहीं देने की सलाह देते हैं. दूसरी तरफ़ शुरूआती समय में कम दूध बनने के कारण कुछ लोग यह भी मान लेते हैं कि माँ का दूध नहीं बन रहा है. यह मानकर बच्चे को बाहर का दूध पिलाना शुरू कर देते हैं. जबकि यह केवल सामाजिक भ्रांति है. बच्चे के लिए यही गाढ़ा पीला दूध जरुरी होता है एवं माँ का शुरूआती समय में कम दूध बनना भी एक प्राकृतिक प्रक्रिया ही है. 
 
 
क्या आप जानते हैं: 
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार वर्ष 2005-06 में बिहार में केवल 4% बच्चे ही एक घंटे के भीतर स्तनपान कर पाते थे, जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर लगभग 35% हो गयी. जबकि सारण जिले में वर्ष 2015-16 में 43.6 प्रतिशत बच्चे एक घंटे के अंदर स्तानपान करते हैँ।
6 माह तक केवल स्तनपान नहीं करने वाले बच्चों में 6 माह तक केवल स्तनपान करने वाले बच्चों की तुलना में पहले 6 महीने में 14 गुना अधिक मृत्यु की सम्भावना होती है (लेंसेट, 2008 की रिपोर्ट के अनुसार) 
संक्रमण से होने वाले 88 प्रतिशत बाल मृत्यु दर में स्तनपान से बचाव होता है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार)
सम्पूर्ण स्तनपान से शिशुओं में 54 प्रतिशत डायरिया के मामलों में कमी आती है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार)
स्तनपान से शिशुओं में 32 प्रतिशत श्वसन संक्रमण के मामलों में कमी आती है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार)
शिशुओं में डायरिया के कारण अस्पताल में भर्ती होने के 72 प्रतिशत मामलों में स्तनपान बचाव करता है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार)
शिशुओं में श्वसन संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने के 57 प्रतिशत मामलों में स्तनपान बचाव करता है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार)
बेहतर स्तनपान 1 साल में विश्व स्तर पर 8.20 लाख बच्चों की जान बचाता है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार) 
 
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
जन्म के शुरूआती 2 घंटों तक शिशु अधिक सक्रिय रहते हैं।जन्म के 1 घंटे के भीतर ही स्तनपान शुरू कराना आवश्यक होता है। इससे शिशु सक्रिय रूप से स्तनपान करने में सक्षम होता है।6 माह तक केवल स्तनपान भी जरुरी होता है।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS