स्लम बस्ती में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम, परिवार नियोजन व नवजात शिशुओं की देखभाल पर किया जागरूक
• झुगी-झोपड़ियों में गुजर-बसर कर रहे परिवारों को मिली स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी
• जन्म के छह माह तक सिर्फ माँ का दूध पिलायें
• बच्चों के लिए निःशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा
छपरा़। झुग्गी-झोपड़ी में बसर करने वाले लोगों के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर जिला स्वास्थ्य महकमा गंभीर है। मलीन बस्तियों में रहने वाले लोगों में स्वास्थ्य मुद्दों पर जागरूकता के आभाव को देखते हुए जिला स्वास्थ्य महकमा इन बस्तियों में हमेशा जागरूकता अभियान चलाता रहता है। इसी क्रम में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग और केयर इंडिया टीम ने शहर के राजेंद्र स्टेडियम स्थित स्लम बस्ती में रहने वाले परिवारों के बीच जाकर उन्हे स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जागरूक किया।
इस दौरान टीम के द्वारा परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थाई साधन, संस्थागत प्रसव, नवजात शिशुओं का देखभाल, बच्चों का टीकाकरण पर जानकारी दी गयी। साथ ही सरकार द्वारा निःशुल्क प्रदान की जाने वाली सेवाओं एवं सुविधाओं के विषय में भी लोगों को जागरूक किया गया।
जन्म के छह माह तक सिर्फ माँ का दूध पिलायें
जन्म के 1 घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान कराने एवं 6 माह तक केवल स्तनपान कराने का सलाह दी गयी। बच्चे के सम्पूर्ण मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए स्तनपान की भूमिका पर विस्तार से लोगों को जानकारी दी गयी। साथ ही निमोनिया एवं डायरिया जैसे गंभीर रोगों से शिशुओं को सुरक्षित रखने के लिए नियमित स्तनपान कराने की बात कही गयी।
बच्चों के लिए निःशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा
स्वास्थ्य विभाग के टीम के द्वारा बताया गया कि माँ एवं बच्चे को बेहतर देखभाल प्रदान कराने के लिए जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। इस कार्यक्रम के तहत शिशु को विशेष सुविधा प्रदान की गयी है। 1 साल तक बीमार बच्चों को घर से अस्पताल तक निःशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान की गयी है। साथ ही शिशु के लिए निःशुल्क ईलाज के साथ निःशुल्क दवाई भी देने का प्रावधान किया गया है।
परिवार नियोजन के साधनों को अपनाना जरूरी
केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक प्रेमा कुमारी ने बताया सीमित परिवार बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य के साथ खुशहाल परिवार की पहचान होती है। दो से अधिक बच्चे होने पर बच्चों की बेहतर परवरिश बाधित होती है। इसके लिए परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थाई साधनों को बढ़ावा देना जरुरी है। इसे ध्यान में रखते हुए स्लम बस्ती में लोगों को परिवार नियोजन के स्थायी उपाय जैसे महिला एवं पुरुष नसबंदी, प्रसव उपरांत नसबंदी और अस्थायी उपाय जैसे कंडोम, कॉपर-टी, आईयूसीडी, अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन, गर्भ निरोधक गोली आदि के बारे में जानकारी दी गयी. साथ ही परिवार नियोजन के साधन अपनाने पर सरकार द्वारा प्रदान की जा रही प्रोत्साहन धन-राशि के बारे में भी लोगों को बताया गया।
परिवार नियोजन से निभाए जिम्मेदारी
सदर अस्पताल के परिवार नियोजन सलाहकार बबिता कुमारी ने महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा सही उम्र में विवाह करना जरुरी है। लड़के के 21 एंव लड़की की 18 वर्ष से पहले शादी नहीं करनी चाहिए। शादी के बाद कम से कम दो वर्ष बाद पहला बच्चा होना चाहिए। पहले एंव दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतराल रखना चाहिए। इससे माँ एवं शिशु दोनों स्वस्थ रहते हैं।