आंगनबाड़ी सेविकाओं व आशा ने किया गृह भ्रमण, शिशुओं की बेहतर देखभाल की दी गयी जानकारी
• पीएचसी-एचएससी स्तर पर पोषण व स्वच्छता को लेकर महिलाओं के साथ बैठक
• परिवार नियोजन के बारे में दी गयी जानकारी
• बेहतर स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई जरूरी
• जन्म से 6 माह तक केवल स्तनपान
छपरा। जिले में पोषण माह अभियान के तहत सभी प्रखंडों के आंगनबाड़ी सेविकाओं व आशा के द्वारा गृह भ्रमण किया गया। इस दौरान जिले के कई टोला-मुहल्ले का भ्रमण किया और नवजात बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल कायदे से करने एवं उसका पालन-पोषण कैसे किया जाए, इसकी माता-पिता को जानकारी दिया। वहीं कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को सही पोषण कैसे दें, इसके बारे में भी लोगों को बताया गया।साथ ही सभी पीएचसी और एचएससी स्तर पर पोषण व स्वच्छता को लेकर महिलाओं के साथ बैठक की गयी।
केयर इंडिया के बीएचएम गिरधारी तिवारी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाले खतरे, संस्थागत प्रसव व परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी गयी। साथ हीं गंदगी व कूड़ा-कचरा को सभी तरह के बीमारी का जड़ बताते हुए लोगों को अपने-अपने आसपास के क्षेत्र को नियमित रूप से साफ-सफाई करने को कहा गया। ताकि उनका बच्चा स्वच्छ वातावरण में रह सके। वहीं जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर हाथ धुलाई कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। जिसमें बच्चों को खाना खाने से पहले व शौच के बाद अच्छे तरीके साबुन से हाथ धोने के बारे में बताया गया।
घर-घर जाकर दी गयी ये महत्वपूर्ण जानकारी
पौष्टिक आहार: शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगले 6 माह तक केवल माँ का दूध बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है। 6 माह के बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की काफी जरूरत होती है। घर का बना मसला एवं गाढ़ा भोजन ऊपरी आहार की शुरुआत के लिए जरूरी होता है।
अनीमिया प्रबंधन: गर्भवती माता, किशोरियाँ एवं बच्चों में एनीमिया की रोकथाम जरूरी है। गर्भवती महिला को 180 दिन तक आयरन की एक लाल गोली जरूर खानी चाहिए। 10 वर्ष से 19 साल की किशोरियों को सप्ताह में सरकार द्वारा दी जाने वाली आयरन की एक नीली गोली का सेवन करना चाहिए। 6 माह से 59 माह के बच्चों को सप्ताह में दो बार 1 मिलीलीटर आयरन सीरप देनी चाहिए।
डायरिया प्रबंधन: शिशुओं में डायरिया शिशु मृत्यु का मुख्य कारण है। 6 माह तक के बच्चों के लिए केवल स्तनपान (ऊपर से कुछ भी नहीं) डायरिया से बचाव करता है। साफ-सफाई एवं स्वच्छ भोजन डायरिया से बचाव करता है। डायरिया होने पर लगातार ओआरएस का घोल एवं 14 दिन तक जिंक देना चाहिए।
स्वच्छता एवं साफ-सफाई: साफ पानी एवं ताजा भोजन संक्रामक रोगों से बचाव करता है। शौच जाने से पहले एवं बाद में तथा खाना खाने से पूर्व एवं बाद में साबुन से हाथ धोना चाहिए। घर में तथा घर के आस-पास सफाई रखनी चाहिए। इससे संक्रामक रोगों से बचा जा सकता है।