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बिहार
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए घर-घर जाकर प्रेरित कर रहे मुखिया व जनप्रतिनिधि
By Deshwani | Publish Date: 19/8/2019 9:45:25 PM
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए घर-घर जाकर प्रेरित कर रहे मुखिया व जनप्रतिनिधि

छपरा सुरक्षित मातृत्व के लिए संस्थागत प्रसव बेहद जरूरी होता है। जिले के कुछ चिन्हित क्षेत्रों में घरेलू प्रसव में कमी लाने के लिए केयर इंडिया के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा नई पहल की गयी है। अब आशा एवं एएनएम के साथ संस्थागत प्रसव को बढावा देने के लिए पंचायत के मुखिया व जन-प्रतिनिधि घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। इससे संस्थागत प्रसव को लेकर आम-जनों के बीच जागरूकता बढ़ी है एवं घरेलू प्रसव में कमी देखने को मिल रही है।  

 
 
जन-प्रतिनिधियों के साथ बैठक:  केयर इंडिया के डीटीओ ऑन प्रणव कुमार कमल ने बताया भौतिक सत्यापन में पता चला कि सारण जिले के पानापुर प्रखंड के पृथ्वीपुर, गढ़ भगवानपुर, सतजोड़ा, खरवट,तुर्की नट टोला व  मकेर, इसुआपुर, तरैया के नंदनपुर, पोखरेरा, सरायवसंत जैसे कई ऐसे गांव हैं। जहां पर संस्थागत प्रसव कम होते थे। इसको ध्यान में रखते हुए क्षेत्र के मुखिया एवं वार्ड पार्षदों के साथ केयर इंडिया के अधिकारियों द्वारा बैठक की गयी एवं उन्हें क्षेत्र में संस्थागत प्रसव की स्थिति से अवगत कराया गया। उन्हें घरेलू प्रसव से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में होने वाली बढ़ोतरी के बारे विस्तार से चर्चा कर जानकारी दी गयी। साथ ही मुखिया व वार्ड पार्षदों से अपील की गयी है कि अपने क्षेत्र में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को जागरूक करें। अभी भी कई ऐसे गांव है जिसे चिन्हित किया जा रहा है। ऐसे गाँवों में क्षेत्रीय समस्या को समझकर लोगों को जागरूक करने से संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी संभव है। आशा एवं एएनएम के साथ जन-प्रतिनिधियों के सहयोग का नतीजा रहा कि चिन्हित क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। 
 
क्या कहते है विकास मित्र:
 
पानापुर प्रखंड के धेनुकी पंचायत के विकास मित्र अम्बिका राम ने बताया पहले जानकारी के अभाव में गर्भवती महिलाओं का प्रसव घर पर होती थी। लेकिन केयर के द्वारा मीटिंग में हम लोगों को जानकारी मिली जिसके बाद हम लोग महिलाओं को अस्पताल में जाने के लिए प्रेरित करते है। यहां की आशा पाशपति देवी गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों में लेकर जाती हैं।   
 
 
मकेर प्रखंड के हैजलपुर गांव के विकास मित्र अजय राम ने बताया कि जब से केयर के द्वारा यह मीटिंग हुई है। तब से अधिकांश महिलाओं का प्रसव अस्पताल में ही कराया जाता है। इसके लिए घर-घर जाकर जागरूक करते है। जागरूकता का प्रभाव समुदाय में देखने को मिला है। घरेलू प्रसव की संख्या में काफी कमी आयी है। 
 
 
संथागत प्रसव में हुआ सुधार : आशा एवं एनएम के साथ जन-प्रतिनिधियों के सहयोग के कारण पनापुर एवं मकेर प्रखंड में संस्थागत प्रसव की संख्या में बढ़ोतरी हुयी है। केयर के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा संस्थागत प्रसव को लेकर जन-प्रतिनिधियों के साथ हुयी बैठक के बाद बदलाव देखने को मिले हैं। बैठक के बाद पानापुर प्रखंड के के धेनुकी गांव में कुल 15 से अधिक प्रसव हुए हैं। जिसमें सारे प्रसव सरकारी अस्पताल पर ही हुए। जबकि मकेर प्रखंड के हैजलपुर गांव में भी कुल 10 से अधिक प्रसव हुए हैं। जिसमें एक भी प्रसव घर पर नहीं हुआ है।    
   
 
शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास :  शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पतालों, अनुमंडलीय अस्पतालों तथा सदर अस्पताल में न्यू बॉर्न केयर कॉर्नर की स्थापना की गई है, जिसमें कम वजन वाले बच्चे, निर्धारित समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चे एवं जन्म से ही गंभीर रोगों से ग्रसित बच्चों को भर्ती किया जाता है।
 
 
 गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल लाने तथा अस्पताल से प्रसव के उपरांत माताओं और शिशुओं को घर तक पहुंचाने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा भी कारगर साबित हो रही है।
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