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बिहार
प्रशासन पर भारी पड़ रहे हैं बालू माफिया
By Deshwani | Publish Date: 10/11/2017 11:47:29 AM
प्रशासन पर भारी पड़ रहे हैं बालू माफिया

छपरा, (हि.स.)। जिले में बालू माफिया प्रशासन पर भारी पड़ रहे हैं और प्रशासन को चकमा देने के लिए बालू माफिया तरह का हथकंडा अपना रहे हैं। बालू के खनन तथा भंडारण और ढुलाई रोकने में नाकाम कई खनन पदाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी नप चुके हैं। हाल ही में डोरीगंज थानाध्यक्ष को बालू का अवैध ढुलाई एवं भंडारण रोकने में नाकाम रहने के कारण हटा दिया गया। 

इतना ही नहीं सारण के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार राज के बालू का अवैध कारोबार में संलिप्त रहने का मामला चर्चा में रहा। इसको लेकर निगरानी की जांच चल रही है और तत्कालीन खनन पदाधिकारी को बालू का अवैध कारोबार में संलिप्त रहने के कारण न केवल निलंबित कर दिया गया बल्कि यहां से उन्हें हटा दिया गया। 
 
अब जब बालू के खनन तथा भंडारण और ढुलाई करने पर रोक लगा दी गई है तो, बालू माफिया नालंदा व भागलपुर के चालान पर बालू की ढुलाई कर रहे हैं। भले ही सारण जिले में बालू का खनन नहीं होता है लेकिन बालू का भंडारण और ढुलाई का कार्य यहां बड़े पैमाने पर किया जाता है। सोन नदी में लाल बालू का खनन किया जाता है और नाव के द्वारा जिले के विभिन्न घाटों पर लाकर भंडारण ता है। 
 
खास कर डोरीगंज, अवतार नगर, दिघवारा, नयागांव तथा सोनपुर थाना क्षेत्र के घाटों बालू का भंडारण किया जाता है। रोक लगाने के बाद से इसमें कमी आयी है, लेकिन बालू का कारोबार किया जा रहा है। वर्तमान समय में बालू का हो रहे कारोबार को रोकना भी संभव नहीं है क्योंकि बालू का कारोबार करने वाले पहले दूसरे जिले से चालान मंगाते है और रात में ट्रकों पर बालू लाद कर सड़क पर लाया जाता है। 
 
पकड़े जाने पर चालान दिखाया जाता है जो वैद्य होने के कारण छोड़ना पुलिस की मजबूरी है। बालू का अवैध ढुलाई करने वालों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। तीन माह के अंदर जिले में दो हजार से अधिक वाहनों को जब्त किया गया है। सरयू, गंगा व गंडक नदियों में उजला बालू का खनन पूरी तरह ठप है। 
 
उजला बालू का खनन करने वाले माफियाओ पर प्रशासन का नियंत्रण है और बालू माफियाओं के पास कोई विकल्प नहीं है। डीएम हरिहर प्रसाद ने बताया कि बालू का खनन तथा भंडारण और ढुलाई करने पर रोक है और इसका अनुपालन सुनिश्चित करने में प्रशासन पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने बताया कि दूसरे जिले से वैद्य चालान के आधार पर ढुलाई की जा रही है। इस जिले में उजला बालू का खनन पूरी तरह ठप है। लाल बालू सोन नदी से खनन होता है और वह इस जिले में नहीं है। इस जिले में पहले से भंडारण की गयी बालू को जब्त कर लिया गया है।
 
 
 
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