अब 'एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड' योजना शुरू करने जा रही सरकार, देशभर में उपभोक्ताओं को मिलेगा राशन
नयी दिल्ली। मोदी सरकार के मंत्री भी एक्शन में दिख रहे हैं। सरकार अब उपभोक्ताओं को सहूलियत देने के लिए 'एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड' योजना शुरू करने जा रही है। दरअसल राशन कार्ड को आधार नम्बर से जोड़ने से इस सिस्टम में हो रही चोरी और धांधली को रोकने में बहुत हद तक सफलता मिली है।
इस सुविधा से रोजी रोटी और नौकरियों के लिए शहरों की ओर पलायन करने वाले उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा फायदा मिल सकेगा। केंद्रीय मंत्री पासवान ने राज्यों के खाद्य सचिवों और सरकारी अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि पीडीएस के इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट के तहत राशन कार्डों की एक सेंट्रल रिपॉजिटरी (केंद्रीय संग्रह केंद्र) बनाई जाएगी, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर दोहरीकरण से बचा जा सके।
पासवान ने कहा कि देश के कुछ राज्यों आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में यह कार्यक्रम इंटीग्रेटड मैनेजमेंट आफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (आईएमपीडीएस) के नाम से जाना जाता है। यह योजना सफलतापूर्वक चल रही है। इस व्यवस्था के तहत राज्य के भीतर किसी भी जिले से उपभोक्ता अपने हिस्से का राशन किसी भी राशन की दुकान से प्राप्त कर सकता है। खाद्य सचिवों को यह व्यवस्था बहुत अच्छी लगी, जिसे सभी अपने राज्य में लागू करने को तैयार हैं।
इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के राज्य मंत्री दानवे रावसाहब दादाराव ने राज्यों से आग्रह किया कि वे राशन कार्डों के डिजिटाजेशन पर काम करें। इस नयी व्यवस्था के बूते आप देशभर में एक ही राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे। यही नहीं, इससे फर्जी राशनकार्ड बनाने वालों पर भी नकेल कसी जाएगी।
दरअसल, सरकार की तैयारी है कि आधार कार्ड की तर्ज पर हर एक राशन कार्ड को एक विशिष्ट (यूनिक) पहचान नंबर दिया जाएगा। इससे फर्जी राशन कार्ड बनाना काफी मुश्किल हो जाएगा। इसके साथ ही सरकार ऐसी व्यवस्था करेगी, जिसमें एक ऑनलाइन एकीकृत (इंटेग्रेटेड) सिस्टम बनाया जाएगा। इस सिस्टम में राशन कार्ड का डेटा स्टोर होगा।