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एयरपोर्ट पर जल्द आएगी 3D तकनीक, जांच के लिए बैग से नहीं निकालना होगा लैपटॉप
By Deshwani | Publish Date: 24/7/2018 4:04:55 PM
एयरपोर्ट पर जल्द आएगी 3D तकनीक, जांच के लिए बैग से नहीं निकालना होगा लैपटॉप

नई दिल्ली। जल्द ही आपको एयरपोर्ट पर जांच के लिए लैपटॉप, टैबलेट और हैंडबैग से लिक्विड (तरल पदार्थ) निकालने की जरुरत नहीं पड़ेगी। दुनिया के कुछ बिजी हब ट्रायल चला रहे हैं जिसके जरिए स्क्रिनिंग मशीन 3डी व्यू के जरिए बता देगी कि यात्री के बैग के अंदर क्या-क्या है। इस वजह से आपको बैग के अंदर से सामान नहीं निकालना पड़ेगा। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) इस तकनीक को इस्तेमाल करने का प्लान बना रही है। हालांकि, संदिग्ध हैंडबैग की जांच के लिए नियमों में कुछ बदलाव किया जाएगा। सीआईएसएफ इन ट्रायल को करीब से देख रहे हैं। 

 
भारतीय एयरपोर्टों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्यॉरिटी फोर्स (CISF) इन ट्रायल्स पर करीबी नजर रख रही है और इस तकनीक को यहां भी जांचने की योजना बना रही है. CISF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हम इस तकनीक और इसके ट्रायल रन के नतीजों का अध्ययन कर रहे हैं।' उन्होंने बताया कि इस तकनीक के भारतीय एयरपोर्टों पर भी ट्रायल की योजना है और अगर ट्रायल सफल रहा तो यात्रियों को स्क्रीनिंग के दौरान लैपटॉप, टैबलेट और लिक्विड्स को बैग से बाहर निकालने से निजात मिलेगी।
 
3डी स्क्रीनिंग मशीनों की तकनीक का न्यू यॉर्क के जॉन एफ. केनेडी और ऐम्सटर्डम के एयरपोर्ट पर परीक्षण हो चुका है। फिलहाल, लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर इसका ट्रायल चल रहा है। इस नई तकनीक से बढ़ते एयर ट्रैफिक को मैनेज करने में भी काफी मदद मिलेगी। ब्रिटेन के अफसरों ने इस तकनीक को कामयाब बताया है। 
 
बता दें कि पिछले साल CISF ने व्यस्त एयरपोर्टों पर यात्रियों की बढ़ती भीड़ का मुद्दा उठाया था। सीआईएसएफ की योजना है कि इस तकनीक को यहां टेस्ट किया जाए ताकि बिजी एयरपोर्ट पर इनका इस्तेमाल हो सके। सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने कहा, 'हम इस तकनीक को समझ रहे हैं और ट्रायल के परिणाम को समझने की कोशिश कर रहे हैं।'
 
CISF ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पिछले 5 सालों में सभी एयरपोर्ट्स पर पैसेंजर ट्रैफिक में 65 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। उसमें कहा गया था कि एयरपोर्टों पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है लेकिन सिक्यॉरिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैनपावर जस के तस हैं, इस वजह से सिक्योरिटी चेक पॉइंट्स पर कंजेशन हो रहा है। सुरक्षाकर्मियों पर भी तेजी से स्क्रीनिंग का दबाव बढ़ रहा है।
 
विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमें संदिग्ध बैग की जांच के लिए होने वाली फिजिकल चेंकिंग के नियमों में कुछ बदलाव करने होंगे।' नई तकनीक बहुत अच्छी है। कुछ भारतीय एयरपोर्ट जिसमें पीपीपी मेट्रो और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया शामिल हैं, उनमें पिछले कुछ सालों में यात्रियों की संख्या बढ़ी है। जिनके लिए यह तकनीक लाभदायक हो सकती है।
 
 
 
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