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स्विस बैंकों में अवैध जमा रखने वाले भारतीयों पर होगी कड़ी कार्रवाई : जेटली
By Deshwani | Publish Date: 30/6/2018 11:52:37 AMनई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि यह अनुमान लगाना कि स्विस बैंक में जमा सभी धन कालाधन है, गलत है। स्विस बैंक में भारतीयों द्वारा जमा राशि में वर्ष 2017 में 50 फीसदी की बढोतरी होने और इसके सात हजार करोड़ रुपये पर पहुंचने को लेकर विपक्षी दलों सरकार पर कालेधन को लेकर हो रहे हमले के बीच जेटली ने एक ब्लाग में विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि वे सभी गलत सूचना आधारित अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अनुमान लगाना कि सभी जमा राशि कर चोरी की है स्विटजरलैंड में सिर्फ अवैध जमा होता है, यह एक दशक पहले ऐसा होता था और अब इस तरह का अनुमान लगाना गलत है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगले वर्ष जनवरी से स्विटजरलैंड रियल टाइम पर खाता के बारे में जानकारी साझा करेगा और इसके बाद स्विस बैंक में अवैध तरीके से धनराशि जमा करने वाले भारतीयों के विरूद्ध कालाधन कानून के तहत कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि स्विस बैंक में भारतीयों द्वारा राशि में बढोतरी के संकेत वाली एक खबर आयी है। इसको लेकर कुछ वर्गों ने गलत सूचना पर आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है जिससे यह सवाल उठा है कि सरकार के कालेधन विरोधी कदमों का परिणाम क्या हुआ। उन्होंने कहा है कि स्विट््जरलैंड वित्तीय सूचनायें साझा करने के विरूद्ध रहा है। बहुत अधिक अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से वह सूचनायें साझा करने पर सहमत हुआ।
इसके मद्देनजर वह कई देशों के साथ सूचनायें साझा करने के लिए द्विपक्षीय संधि की है। इसके लिए उसने अपने कानूनों में संशोधन किये हैं और भारत के साथ एक संधि की है जिसके तहत वह भारतीयों द्वारा धनराशि जमा किये जाने पर जनवरी 2019 से रियल टाइम पर सूचनायें साझा करेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी अवैध जमाकर्ताओं को यह जान लेना चाहिए कि कुछ ही महीने के बाद उसका नाम सार्वजनिक होगा और उसके विरूद्ध कालाधन कानून के तहत कठोर कार्रवाई होगी। श्री जेटली ने पनामा पेपर लीक मामले का उल्लेख करते हुये कहा कि पेपर में आये कुछ मामले अवैध खाताधारक के थे।
देश के बाहर भारतीय धनराशि कई तरह से जाती है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की जांच में यह पता चला है कि कई भारतीय मूल के लोगों के पास विदेशी पासपोर्ट है। प्रवासी भारतीयों के धन के साथ ही कई भारतीय निवासी विदेशों के वैधानिक तरीके से निवेश किये हुये हैं या उदार रीमिटैंस स्कीम के तहत धनराशि हस्तातंरित की है। इनमें भारत में निवास करने वालों द्वारा उपरोक्त श्रेणी से अलग तरीके से विदेशों में धनराशि जमा करने पर ही कार्रवाई हो सकती है।