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आर.बी.आई. की पहली सीएफओ बनीं सुधा बालाकृष्णन
By Deshwani | Publish Date: 28/5/2018 3:13:53 PM नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने सुधा बालाकृष्णन को पहली चीफ फाइनैंशल ऑफिसर (सीएफओ) नियुक्त करने का फैसला लिया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट सुधा अब तक नेशनल सिक्युरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड में वाइस प्रेजिडेंट थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी नियुक्ति 15 मई से प्रभावी है। उर्जिल पटेल के आर.बी.आई. गवर्नर बनने से बाद से यह सबसे बड़ा संगठनात्मक बदलाव है। पटेल सितंबर 2016 में केंद्रीय बैंक के गवर्नर बने थे।
एनएसडीएल भारत का पहला और सबसे बड़ा डिपॉजिटरी है। बालाकृष्णन आर.बी.आई. की 12वीं कार्यकारी निदेशक होंगी। उनका कार्यकाल 3 साल का होगा। हालांकि, अभी इस पर आर.बी.आई. की तरफ से कोई सफाई नहीं आई है।
बता दें कि मई 2017 से आर.बी.आई. सीएफओ की तलाश कर रहा था। तब इससे जुड़ा पहला विज्ञापन जारी किया गया था। अब सुधा को चुना गया है। वह आर.बी.आई. की बैलेंस शीट की इंचार्ज होंगी, 2017 को जो नोटिस जारी हुआ था उसके मुताबिक, वित्तीय स्थिति और बजटीय प्रक्रियाएं के बारे में जानकारी देने की जिम्मेदारी भी उनकी होगी। अंदरूनी मामलों के साथ-साथ कॉर्पोरेट से जुड़ी रणनीति भी वह ही बनाएंगी। उनके वहां काम करनेवाले कर्मचारियों का पीएफ रेट भी वही तय करेंगी।
सरकार के बैंक अकाउंट डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी भी वही देखेंगी। इसमें सरकारी ट्रांजैक्शन जैसे पेमेंट्स और टैक्स से होने वाले राजस्व का ख्याल रखा जाता है। भारत और विदेश में केंद्रीय बैंक ने कहां-कहां निवेश किया है उस पर भी सुधा को नजर रखनी होगी। बालाकृष्णन को प्रति महीने 4 लाख रुपए (घर के बिना) की सैलरी मिल सकती है। साथ ही सालाना तौर पर सैलरी में 3 से 5 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है।