बेंगलुरु। अमेरिकी खुदरा कंपनी वॉलमार्ट ने फ्लिपकॉर्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 16 अरब डॉलर (एक लाख 5 हजार 360 करोड़ रुपए) में खरीद लिया है। वॉलमार्ट का यह अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है। इस सौदे में 11 साल पुरानी फ्लिपकॉर्ट का कुल मूल्य 20.8 अरब डॉलर आंका गया है। इस डील के लिए वॉलमार्ट के चीफ एग्जीक्यूटिव Doug McMillon भारत आए थे।
वॉलमार्ट ने जारी बयान में कहा कि उसने फ्लिपकॉर्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। फ्लिपकॉर्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल इस सौदे के बाद कंपनी छोड़ देंगे। उन्होंने बिन्नी बंसल के साथ मिलकर 2007 में इसकी स्थापना की थी। सचिन और बिन्नी पहले अमेजॉन डॉट कॉम इंक में काम करते थे। उन्होंने किताबें बेचने से कंपनी की शुरूआत की थी।
फ्लिपकार्ट के टॉप शेयरहोल्डर्स
शेयरहोल्डर हिस्सेदारी
सॉफ्टबैंक 20.8 %
टाइगर ग्लोबल 20.6 %
नेस्पर 12.8 %
टेनसेंट 5.9 %
ईबे सिंगापुर 6.1 %
एक्ससेल पार्टनर्स 6.4 %
बिन्नी बंसल 5.25 %
सचिन बंसल 5.55 %
एक त्वरित अनुमान के मुताबिक वॉलमार्ट लगभग 43,700 करोड़ रुपए का कारोबार भारत में फ्लिपकॉर्ट की डील से पहले कर रहा है। वहीं इस डील के बाद फ्लिपकॉर्ट-मिन्त्रा-ईबे-जबॉन्ग के 22,911 करोड़ रुपए के कुल रेवेन्यू के बाद कयास लगाया जा रहा है कि वॉलमार्ट का भारत में कुल कारोबार लगभग 67,000 करोड़ तक पहुंच जाएगा।
गौरतलब है कि भारत में दूसरी सबसे मल्टीनेशनल कंपनी रोसनेफ्ट एस्सार ऑयल ने वित्त वर्ष 2016-17 में 63,722 करोड़ रुपए का कारोबार किया था। वहीं देश की सबसे मल्टीनेशनल कंपनी मारुति सुजुकी ने इस दौरान कुल 70,418 करोड़ रुपए का कारोबार किया था। लिहाजा, इस डील की स्थिति में वॉलमार्ट देश में दूसरी सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी तो बन ही जाएगी और वह पहले नंबर पर मारुति सुजुकी को बहुत जल्द पीछे भी छोड़कर पहले नंबर पर अपना कब्जा कर लेगी।