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करोड़ों रुपये के एक और बैंक घोटाले का खुलासा, सीबीआई ने किया मामला दर्ज
By Deshwani | Publish Date: 6/4/2018 12:42:38 PM
करोड़ों रुपये के एक और बैंक घोटाले का खुलासा, सीबीआई ने किया मामला दर्ज

नई दिल्ली। बैंकों से करोड़ों  रुपये का ऋण लेकर अदा नहीं करने का एक मामला सामने आया है। वडोदरा स्थित बिजली उपकरण बनाने वाली कंपनी डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। गुरुवार को सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच एजेंसी ने इस मामले में कंपनी के निदेशकों के घर और दफ्तरों पर छापेमारी की है। कंपनी के खिलाफ 11 बैंकों के कन्शॉर्सियम को 2,654 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की मामला दर्ज किया है। कंपनी के प्रमोटर एसएन भटनागर हैं और उनके बेटे अमित एवं सुमित भटनागर इस कंपनी में एग्जीक्यूटिव हैं। 

 
वर्ष 2008 से डायमंड पावर ने एक मॉडस ऑपरेंडी के जरिए बैंक के अधिकारी व कर्मचारियों की मिली-भगत से करोड़ों रुपए के लोन पास कराए। इसके बाद फर्जी दस्तावेज, बैंक खातों व कंपनी की बैलेंस शीट के जरिए भटनागर बंधु सरकारी व गैर-सरकारी बैंकों से अलग-अलग लोन उठाते गए। बैंक ऑफ इंडिया से करीब 670 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा के 349 करोड़, आई.सी.आई.सी.आई. के 280 तथा एेक्सिस बैंक के 255 करोड़ रुपए इन्होंने लोन के जरिए हड़प लिए। सीबीआई ने आपराधिक षड्यंत्र, बैंक से धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज व बैंक खाते के जरिए इस घोटाले को अंजाम देने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कंपनी 2008 से ऐसा करती आ रही थी। 29 जून 2016 तक उस पर 2654.40 करोड़ रुपए का बकाया था।
 
सीबीआई ने बताया कि इस बकाया लोन को 2016-17 में नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट करार दिया गया था। लोन देने वाले बैंकों का समूह जब बनाया गया था तो ऐक्सिस बैंक टर्म लोन के लिए लीड बैंक था और बैंक ऑफ इंडिया कैश क्रेडिट लिमिट्स के लिए लीड बैंक था। 
 
आरोप लगाया गया है कि इस फर्म ने विभिन्न बैंकों के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर क्रेडिट फसिलिटी बढ़वा ली थी। सी.बी.आई. के अनुसार, कंपनी लीड बैंक को गलत स्टॉक स्टेटमेंट्स दिया करती थी, जिसमें वह 180 दिनों से ज्यादा के रिसीवेबल्स को 180 दिनों से कम के रिसीवेबल्स के रूप में दिखाया करती थी और इस तरह अपने कैश क्रेडिट अकाउंट में ज्यादा पैसा निकालने का अधिकार हासिल करती थी। 
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