नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को वेलफेयर स्कीम के साथ आधार लिंक करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है। सरकार की तरफ से कहा गया कि अब कल्याणकारी योजनाओें के साथ आधार लिंक कराने की अंतिम तिथि 3 महीने बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। पहले यह डेडलाइन 31 मार्च थी। सरकार के इस फैसले के बाद मनरेआ और पीडीएस लाभार्थियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। इससे पहले सीबीडीटी ने आधार नंबर को पैन से लिंक करने की समय सीमा को भी 30 जून तक बढ़ा दिया है। पहले पैन को भी 31 मार्च तक लिंक करना था। सीबीडीटी की तरफ से चौथी बार यह समयसीमा बढ़ाई गई है।
पैन से आधार लिंक करने की समय सीमा को बढ़ाने के पीछे माना जा रहा है कि सीबीडीटी का ताजा आदेश सुप्रीम कोर्ट के इसी महीने आए आदेश के मद्देनजर आया है। कोर्ट ने आधार को विभिन्न अन्य सेवाओं से जोड़ने की 31 मार्च की समयसीमा को बढ़ाने का आदेश दिया था। सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने और नया पैन लेने के लिए आधार नंबर को देना अनिवार्य कर दिया है।
सरकार ने पहली बार एक जुलाई, 2017 को पैन से आधार को जोड़ना अनिवार्य किया था। पहली बार इसे 31 अगस्त, 2017 तक और बाद में 31 दिसंबर, 2017 तक करदाताओं को हो रही कठिनाइयों को देखते हुए बढ़ाया गया था। कई करदाताओं ने 31 दिसंबर तक भी आधार को पैन से जोड़ने का काम पूरा नहीं किया था, जिसके बाद सरकार ने समय सीमा इस साल 31 मार्च तक बढ़ा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में आधार के साथ विभिन्न सेवाओं को जोड़ने के लिए समय सीमा को तबतक के लिए बढ़ा दिया था, जब तक कि बायोमेट्रिक पहचान योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं सुना दिया जाता। सुनवाई के दौरान, सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा था कि यदि आवश्यक हो तो वह विभिन्न सरकारी योजनाओं के साथ-साथ मोबाइल फोन और बैंक खातों को आधार से जोड़ने की तारीख को बढ़ाने पर विचार कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ का नेतृत्व करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सरकार आधार को जरूरी करने के लिए दवाब नहीं डाल सकती। यानी इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने और फैसला आने तक आधार की अनिवार्यता नहीं होगी। फिलहाल सिर्फ सब्सिडी और सर्विसेज यानी सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के ही लिए आधार की अनिवार्यता रहेगी।