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आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने आखिरकार पीएनबी घोटाले पर तोड़ी चुप्पी
By Deshwani | Publish Date: 15/3/2018 11:51:52 AM
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने आखिरकार पीएनबी घोटाले पर तोड़ी चुप्पी

नई दिल्ली।  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल ने आखिरकार पीएनबी घोटाले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।  पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के नियामक संस्थाओं पर सवाल उठाने के बाद पटेल ने कहा है कि वे पत्थर खाने और नीलकंठ की तरह विष पीने को तैयार हैं।  आरबीआई गवर्नर ने बैंकिंग घोटाले को लेकर दुख, अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए इसे देश के भविष्य पर डाका बताया।  उर्जित पटेल ने गुजरात लॉ यूनिवर्सिटी में एक लेक्चर के दौरान ये बातें कहीं। 
 
गवर्नर उर्जित पटेल ने बैंकों में धोखाधड़ी पर गहरा क्षोभ जताते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक नीलकंठ की तरह विषपान करेगा और अपने ऊपर फेंके जा रहे पत्थरों का सामना करेगा, लेकिन हर बार पहले से बेहतर होने की उम्मीद के साथ आगे बढ़ेगा।  पटेल ने करीब 13 हजार करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा, ‘मैंने आज बोलना इसलिए तय किया कि यह बता सकूं, बैंकिंग क्षेत्र के घोटाले और अनियमितताओं से आरबीआई भी गुस्सा, तकलीफ और दर्द महसूस करता है। ’
 
गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में व्याख्यान देते हुए पटेल ने कहा, ‘सपाट भाषा में कहें तो इस तरह की गतिविधियां कुछ कारोबारियों द्वारा बैंकों के साथ मिलकर देश को लूटने जैसा है। ’ उन्होंने कहा कि आरबीआई ने बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा की व्यवस्था की है।  उन्होंने कहा, ‘इस कुख्यात गठजोड़ को समाप्त करने के लिए जो कुछ किया जा सकता है, हम कर रहे हैं। ’ मिथकों का उदाहरण देते हुए पटेल ने कहा कि आरबीआई आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था में ऋण संस्कृति को उसी तरह साफ कर रही है जैसे मंदार पर्वत से समुद्र मंथन किया गया था।  उन्होंने कहा कि जब तक यह पूरा नहीं हो जाता है और देश के भविष्य के लिए स्थिरता का अमृत हासिल नहीं कर लिया जाता है, किसी न किसी को तो मंथन से निकलने वाले विष का पान करना पड़ेगा। 
 
उन्होंने कहा कि हर बार घोटाले के बाद के यह चलन हो जाता है और कहा जाता है कि रिजर्व बैंक को इसे पकड़ना चाहिए था।  उन्होंने कहा, कोई भी बैंकिंग नियामक सारे घोटाले को पकड़ या रोक नहीं सकता है।  पीएनबी मामले का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा कि आरबीआई ने साइबर जोखिमों की समीक्षा पर आधारित परिचालन संबंधी ऐसी खामियों की पहचान की थी जो नुकसानदेह हो सकते थे।  उन्होंने कहा, हमें लगता है कि उन्हीं खामियों के जरिये यह घोटाला हुआ है। 
 
पटेल ने कहा कि आरबीआई ने2016 में तीन परिपत्रों के जरिये महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया था ताकि बैंक इन खामियों को दूर कर सकें।  उन्होंने कहा, ‘यह अब स्पष्ट हो चुका है कि बैंकों ने उन निर्देशों पर अमल नहीं किया।  बैंकों की आंतरिक व्यवस्था स्पष्ट निर्देशों के बाद भी परिचालन की खामियां दूर करने में असफल रहे। ’ गवर्नर ने कहा कि आरबीआई बैंकों के खिलाफ कदम उठाने में सक्षम है और वह ऐसा करेगा भी।  हालांकि सार्वजनिक बैंकों के मामले में बैंकिंग नियामकीय अधिनियम के तहत उसके पास सीमित अधिकार हैं। 
 
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