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एसोचैम ने कहा पीएनबी घोटाले के बाद हो रही है अनावश्यक कार्रवाई से हो सकती है साख अदायिगी प्रभावित
By Deshwani | Publish Date: 12/3/2018 10:52:25 AM
एसोचैम  ने कहा पीएनबी घोटाले के बाद हो रही है अनावश्यक कार्रवाई से हो सकती है साख अदायिगी प्रभावित

मुंबई।  उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि पिछले महीने पंजाब नेशनल बैंक में उजागर हुई 12,600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बाद बैंकों और जांच एजेंसियों की ओर से की जा रही अनावश्यक कार्रवाई से व्यापार को आवश्यक साख अदायगी प्रभावित हो सकती है।   एसोचैम के महासचिव डी.  एस.  रावत ने एक बयान में कहा, "प्रकाश में आए कथित घोटाले और मीडिया की सुर्खियों के बाद बैंकों में सावधानी बरती जा रही है जबकि विनियामकों पर सख्त कार्रवाई करने का कथित दबाव है।  " उन्होंने कहा, "विदित समस्या और शोर-गुल के स्तर को न्यायोचित ठहराया जा सकता है लेकिन इससे भरोसे में भारी कमी आ सकती है।  " उन्होंने आगे कहा "इसलिए यही वक्त है कि व्यापक अंकुश लगाया जाए और प्रतिकूल परिस्थिति का उपयोग व्यवस्थागत मसले को हल करने के मौके के तौर पर किया जा सकता है।  " एसोचैम के मुताबिक, बैंकों, विनियामकों, सरकार और भारतीय कारोबारियों द्वारा पीएनबी की कथित धोखाधड़ी से समानांतर क्षति को सीमित करने के लिए कदम उठाना चाहिए।   

 
इससे पहले उद्योग मंडल एसोचैम ने हीरा व्यापारी नीरव मोदी से जुड़े पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले का हवाला देते हुए कहा था कि सरकार को सरकारी बैंकों में अपनी अधिकतम हिस्सेदारी बेच देनी चाहिए ताकि ये बैंक निजी तौर पर काम कर सकें।   एसोचैम का कहना है, "सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम होने पर वरिष्ठ प्रबंधन को जवाबदेही और जिम्मेदारी के साथ अधिक स्वायतत्ता भी मिल जाएगी।  ' एसोचैम की ओर से जारी बयान में  भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से पूरे वित्तीय क्षेत्र में कारोबार में पारदर्शिता बहाल करने के तरीकों में शामिल होने का आग्रह किया था।   फिर चाहे वह निजी बैंक हो या सरकारी बैंक या गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां।    इस संदर्भ में मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने सरकारी क्षेत्र के बैंकों में निजी भागीदारी को और बढ़ाने की वकालत की।  
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