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विदेशों में बैंक शाखाएं बंद करने का फैसला, बैंक अधिकारियों की यूनियन ने किया विरोध
By Deshwani | Publish Date: 6/3/2018 11:20:12 AMनई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिकारियों के संगठन एआईबीओसी ने पीएनबी में 13,700 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मद्देनजर विदेशों में शाखाओं को बंद करने के फैसले का विरोध किया है। संगठन ने इसे बिना सोचे समझे जताई गई प्रतिक्रिया बताया।
आल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी) ने वित्त मंत्रालय के इस निर्णय को लेकर भी आलोचना की कि सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए 50 करोड़ रुपए से अधिक के फंसे कर्ज की जांच करे। साथ ही आडिटिंग पेशे के लिए एक स्वतंत्र नियामक के रूप में नेशनल फाइनेंशियन रिपोर्टिंग आथोरिटी (एनएफआरए) के गठन के प्रस्ताव को लेकर भी आलोचना की और इसे बिना सोचे समझे लिया गया निर्णय बताया। बैंकों को जोखिम के समाधान के लिए एहतियाती कार्य योजना तैयार करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।
यूनियन ने कहा, ‘‘इस कहानी में सबसे आहत करने वाली बात यह है कि वित्त मंत्रालय का आदेश केवल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर लागू है और निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए नहीं है। यह हमारी कल्पना से परे है कि आखिर सरकार कैसे इस निष्कर्ष पर पहुंच सकती है कि निजी क्षेत्र के बैंकों को चूककर्ताओं या धोखाधड़ी करने वालों से कोई जोखिम नहीं है।’’ एआईबीओसी ने अपने बयान में इस बात पर आश्चर्य जताया कि सरकार कैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी बैंकों के बीच भेदभाव को बढ़ावा दे रही है। यूनियन के अनुसार ऐसा नहीं है कि कामकाज में चूक केवल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ही है। वैश्विक स्तर पर और देश में भी कई निजी क्षेत्र के बैंकों में भी इस प्रकार की चूक देखी जाती है।