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सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट में आईएफसी करेगी 15 करोड़ डॉलर का निवेश
By Deshwani | Publish Date: 18/1/2018 5:06:59 PM
सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट में आईएफसी करेगी 15 करोड़ डॉलर का निवेश

मुंबई (हि.स)। भारत में सौर परियोजनाओं को पूरा करने और इस सेक्टर में सरकार को अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कम से कम 125 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत है। निवेश निधि को जुटाने के साथ ही अक्षय ऊर्जा की आपूर्ति व उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए भारत में 350 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की तत्काल जरूरत है। अक्षय ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, देश में अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य वर्ष 2022 तक 175 गीगावॉट रखा गया है। इसके लिए भारी वित्तपोषण की चुनौती है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को कम से कम 125 अरब डॉलर की निधि जुटानी होगी। चरणबद्ध तरीके से इस योजना को बढ़ाने के लिए अक्षय बिजली की आपूर्ति में भारत साल 2022 तक यूरोपीय देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में आ जाएगा। अक्षय सौर ऊर्जा के लिए केंद्र सरकार की ओर से ठोस योजना बनाई गई है।
अधिकारी ने बताया कि भारत में यूरोपीय देशों की तुलना में ज्यादा सूर्य प्रकाश उपलब्ध होता है। इससे देश की बिजली उत्पादन की क्षमता साल 2030 तक रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचाई जा सकती है। देश में तब तक 40 प्रतिशत बिजली उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। फिलहाल वर्ष 2017 तक यह आंकड़ा 18.2 प्रतिशत है। साल 2022 तक देश का सौर उर्जा उत्पादन का लक्ष्य 175 गीगावॉट रखा गया है। बता दें कि अबू धाबी में अंतरराष्ट्रीय सौर ऊर्जा पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया है। भारत में फिलहाल अक्षय ऊर्जा उत्वादन की क्षमता 60 जीडब्ल्यू है। अगले कुछ साल में भारत की यह क्षमता 115 जीडब्ल्यू अतिरिक्त हो सकेगी।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय बैंक यस बैंक लिमिटेड ने भी लगभग 5 अरब डॉलर के सौर परियोजनाओं में वित्तपोषण की प्रतिबद्धता जताई है। एमप्लस ने यस बैंक के साथ ऊर्जा समाधान को लेकर एक समझौता करार किया है। इस करार के बाद अंतरराष्ट्रीय सौर अलायंस देशों क सूची में भारत भी शामिल हो गया है। यस बैंक के साथ 1,000 मेगॉवॉट सौर ऊर्जा निर्माण के भागीदारी करार पर हस्ताक्षर हुए हैं। एमप्लस एनर्जी के सीईओ संजीव अग्रवाल ने बताया कि दिसंबर में यस बैंक और यूरोपीय निवेश बैंक ने लगभग 400 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद उपलब्ध कराने पर सहमति जताई है। इसके सौर और पवन परियोजनाओं में कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और राजस्थान में प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं। एमप्लस बैटरी स्टोरेज, ऊर्जा क्षमता, स्मार्ट शहर के लिए वैकल्पिक ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने की योजनाओं पर सहयोग करेगा।
एनटीपीसी लिमिटेड भी इसके लिए एक मिलियन डॉलर का योगदान देने पर राजी हो गया है। इसके अलावा इंटरनेशनल फाइनैंस कॉरपोरेशन (आईएफसी) की ओर से आदित्य बिड़ला फाइनैंस लिमिटेड (एबीएफएल) में लगभग 15 करोड़ डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई गई है। एबीएफएल इस रकम का इस्तेमाल चुनिंदा राज्यों में अपनी सौर ऊर्जा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए करेगी। आईएफसी ने कहा है कि कंपनी आरबीआई दिशा-निर्देशों के तहत आईएनआर ईसीबी ऋण के जरिये 15 करोड़ रुपए (आईएनआर समतुल्य) के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही विश्व बैंक के मार्फत चलाई जानेवाली इस योजना के लिए कंपनी बिड़ला समूह की निवेश इकाई एबीएफएल द्वारा जारी की गई और सूचीबद्ध गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) खरीदने का भी प्रस्ताव दिया है। एबीएफएल भारत में एक नॉन-डिपॉजिट एक्सेप्टिंग नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनी है। आईएफसी कंपनी द्वारा जारी एनसीडी को खरीदेगी अथवा आईएनआर ईसीबी ऋण जारी करेगी। भारत सरकार ने इस सेक्टर में विदेशी पूंजी निवेश को बड़े पैमान पर आमंत्रित किया है। इससे सरकार को साल 2022 तक अपने अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। लेकिन उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि अब तक देश में सबसे बड़ी समस्या वित्तपोषण को लेकर है। वित्तपोषण के फिलहाल अधिकांश प्रपोजल घरेलू बैंकों की ओर से आए हैं। लेकिन भविष्य में अक्षय ऊर्जा निवेश में इससे भी बड़े निवेश की जरूरत होगी।

 

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