नई दिल्ली, (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने पेट कोक और फर्नेस आयल को बैन करने को लेकर ढील देते हुए सीमेंट, पावर, लाइमस्टोन से जुड़े उद्योगों को पेट कोक और फर्नेस आयल के इस्तेमाल की छूट दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर बैन से संबंधित अधिसूचना में बदलाव लाने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने ये भी कहा कि राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में बैन जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि नियम बनाने के बाद बैन हटाने पर विचार होगा। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 5 जनवरी को करेगा।
आज केंद्र सरकार ने कहा कि वो पेट कोक और फर्नेस आयल के आयात पर रोक लगाने पर विचार कर रही है।
पिछले 22 नवंबर को कोर्ट ने लोक उपक्रम की एनटीपीसी और हिंडाल्को को अपने बॉयलर में फर्नेस आयल के इस्तेमाल की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था।
पिछले 17 नवंबर को केंद्र सरकार ने कहा था कि उसने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों यूपी, राजस्थान और हरियाणा में पेट कोक और फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। सुनवाई के दौरान एमिकस क्युरी हरीश साल्वे ने कहा था कि पेटकोक और फर्नेस ऑयल के केवल इस्तेमाल पर ही रोक नहीं लगाई जानी चाहिए बल्कि इसकी बिक्री पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।
जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि तीन राज्यों में जिस तरह फैक्ट्रियों में पेट कोक और फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है , दूसरे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी इस पर विचार करें।
पिछले 13 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर के उद्योगों द्वारा फर्नेस आयल और पेट कोक पर बैन की समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया था। उद्योगों की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रदूषण को लेकर उद्योग भी चिंतित हैं।