मुंबई, (हि.स.)। देश में बड़े पैमाने पर लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) एक ओर जहां वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही हैं। दूसरी ओर अग्रणी रेटिंग एजेंसी क्रिसिल और छोटे व्यवसाइयों के लिए वित्त मुहैया कराने वाली सरकारी कंपनी सिडबी ने मिलकर इस उद्योग के लिए सेंटीमेंट इंडेक्स जारी करने का फैसला लिया है। इसका पहला इंडेक्स अगले साल जनवरी में जारी होगा।
क्रिसिडेक्स नामक इस इंडेक्स के लिए दोनों कंपनियों ने एक एमओयू बनाया है जिसमें हर तिमाही में एमएसएमई के लिए यह सर्वे जारी किया जाएगा। इस इंडेक्स में रोजगार, व्यवसायिक माहौल और विदेशी कारोबार के आंकड़े, एमएसएमई के आंकड़ों का समावेश होगा। आमतौर पर एमएसएमई से संबंधित आंकड़े काफी देर से प्राप्त होते हैं, इसलिए पूरे भारत में फैले दूरदराज तक के उद्यमों की वास्तविक स्थिति को नियमित रूप से संकलित करने और मापने का यह एक नया उपाय है।
क्रिसिल की प्रबंध निदेशक आशु सुयश ने बताया कि प्रभावी नीति बनाने का काम उपलब्ध सूचनाओं की गुणवत्ता से संपन्न होता है। इसके साथ, समावेशी संवृद्धि सुनिश्चित करने के सरकार के कार्यक्रमों को देखते हुए एक प्रमुख सूचकांक की आवश्यकता है, जो व्यवसाय की कठिन स्थितियों और सूचनाओं को दर्शाता हो। क्रिसिडेक्स की डिजाइन इसी के लिए बनाई गई है क्योंकि यह सीधे एमएसएमई से तत्काल और जमीनी स्तर की सूचनाएं प्राप्त करेगा।
सिडबी के चेयरमैन मोहम्मद मुस्तफा ने बताया कि प्रत्येक तिमाही में क्रिसिडेक्स का सर्वेक्षण 1000 से अधिक एमएसएमई इकाइयों को कवर करेगा। इसके लिए विभिन्न इकाइयों के आकार, भौगोलिक स्थित तथा व्यवसाय के स्वरूप पर आधारित होगा। सरकार और स्वयं एमएसएमई के अलावा सर्वेक्षण एवं क्रिसिडेक्स से नियामकों, व्यापार निकायों, ऋणदाताओं तथा आर्थिक व वित्तीय विश्लेषकों को भी उपयोग सूचना आधारित लाभ प्राप्त हो सकेंगे।
महत्वपूर्ण यह है कि क्रिसिडेक्स व्यवसाय परिवेश का पूर्वानुमान लगाने में मदद करेगा क्योंकि इसमें विभिन्न व्यवसायिक मापदंडों जैसे व्यवसाय स्थिति, क्षमता का उपयोग, ऑर्डर बुक और मार्जिन के बारे में इस क्षेत्र की भावनाओं की पहचान हो सकेगी। इसके अलावा बाद में यह इंडेक्स एमएसएमई क्षेत्र में गतिविधियों के सापेक्षिक स्तरों और संबंधित प्रगति के मूल्यांकन हेतु मानकांक के रूप में स्थापित होगा।