ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
बिज़नेस
भारत 2018 में आईईएफ मंत्री स्तरीय बैठक की करेगा मेजबानी
By Deshwani | Publish Date: 2/11/2017 6:20:26 PM
भारत 2018 में आईईएफ मंत्री स्तरीय बैठक की करेगा मेजबानी

 नई दिल्ली, (हि.स.)। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस एवं कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बैंकॉक में 7वें एशियाई मंत्री स्तरीय ऊर्जा गोलमेज सम्मेलन के स्वागत रात्रिभोज में दिए गए भाषण में एशिया को ऊर्जा का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ ही सबसे बड़ा उपभोक्ता बताया।

उन्होंने कहा कि “मैं इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं, जहां ऊर्जा के क्षेत्र के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण देशों के मंत्रीगण एकत्रित हुए हैं। एशिया ऊर्जा का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ ही सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। मुझे खुशी है कि इंटरनेशनल एनर्जी फोरम (आईईएफ) नियमित रूप से एशियाई मंत्री स्तरीय ऊर्जा गोलमेज सम्मेलन आयोजित करता है। ऐसी बैठकों से ऊर्जा के परिदृश्य के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर क्षेत्रीय ध्यान केंद्रीत होता है।
 
जैसा कि उचित बाजार अर्थव्यवस्था होनी चाहिए| इसलिए विश्वभर के तेल और गैस के उत्पादक आज बड़ी संख्या में मुक्त बाजार मूल्य को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे तेल और गैस के क्षेत्र में परिवर्तन आया है। ओपेक की भूमिका धीरे-धीरे मूल्य निर्धारण से बदलकर मूल्य स्थिरीकरण की हो गई है। विश्व महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है| ऐसे में आपसी हित के लिए हम जिम्मेदार मूल्य निर्धारण, बुनियादी ढांचे के निर्माण, गैस और गंतव्य अनुच्छेद के लिए एशियाई प्रीमियम और गैस के लिए तेल मूल्य जोड़ना जैसी रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
 
वैश्विक ऊर्जा बाजार में बदलाव पर चर्चा करते समय मैं यहां एकत्रित विद्वानों से अपने साझा उद्देश्यों के लिए प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवाचार तथा सहयोग कैसे किया जाए, इस पर भी विचार करने का आग्रह करता हूं। पिछले कुछ वर्षों में चौथी औद्योगिक क्रांति के बारे में काफी चर्चा की गई है। हम सबने पढ़ा और सुना है कि चौथी औद्योगिक क्रांति को भौतिक, डिजिटल और जैविक क्षेत्रों में विचारों, स्मार्ट सोच और प्रौद्योगिकियों के संयोजन से प्रेरित किया जाएगा और हम आज यह जानते हैं कि यह मौलिक रूप से हमारे जीवन को बदल देंगे। हमें बताया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट की बातें, मशीन लर्निंग, 3 डी प्रिंटिंग, नैनो सेंसर, एनर्जी स्टोरेज, बगैर चालक की कारें जैसी बहुत सारी तकनीकें हैं जिससे अंततः हमारी दुनिया का स्वरूप बदल जायेगा।
 
मैं यह बताने से स्वयं को रोक नहीं सकता कि 17 वीं सदी तक दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के बावजूद भारत मुख्यतः उपनिवेशवाद और उसके परिणामों के कारण पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों में शामिल नहीं था। यहां तक कि जब हम चौथी औद्योगिक क्रांति के बारे में बात करते हैं, तो यह याद रखना उचित है कि आज तक, दुनिया की लगभग 17 प्रतिशत आबादी या 1.3 बिलियन लोगों की पहुंच बिजली तक नहीं है, जो बड़े पैमाने पर दूसरी औद्योगिक क्रांति की ताकत थी। इसी प्रकार, यहां तक कि आज भी विश्व स्तर पर लगभग 50 प्रतिशत लोग इंटरनेट से वंचित हैं जो कि तीसरी औद्योगिक क्रांति के प्रमुख चालकों में से एक है। इसलिए, जैसा कि भारत औद्योगिक क्रांति की चौथी लहर में दुनिया की अगुआई करने का आकांक्षा करता है| ऐसे में एशिया के अन्य विकासशील देशों की तरह ही इसे उसकी आबादी के बड़े हिस्से को दूसरी और तीसरी औद्योगिक क्रांति का पूरा लाभ उठाना होगा। मेरा मानना है कि इस संवाद की निर्णायक भूमिका है। मुझे विश्वास है कि यह मंच ऊर्जा स्रोत, ऊर्जा क्षमता, ऊर्जा स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों को दिशा देने का एक अवसर भी प्रदान करेगा, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा व्यक्त किया गया है।
 
भारत 10-12 अप्रैल, 2018 को नई दिल्ली में अगले आईईएफ मंत्री स्तरीय बैठक की मेजबानी करेगा। सदस्य देशों से जानकारी प्राप्त करने के बाद, हम इस कार्यक्रम को समृद्ध और आकर्षक बनाने की प्रक्रिया में हैं। मैं शीघ्र ही आपको औपचारिक आमंत्रण भेजूंगा। इस अवसर पर मैं आपको नई दिल्ली में होने वाली मंत्रिस्तरीय बैठक के लिये आमंत्रित करता हूं। मैं जल्द ही दिल्ली में आप सभी का स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं।'
 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS