मुंबई, (हि.स.)। वित्त वर्ष 2018 की दूसरी तिमाही में निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंक इंडसइंड बैंक का मुनाफा 25 फीसदी बढ़कर 880.1 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 2017 की दूसरी तिमाही में बैंक का मुनाफा 704.3 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह से बैंक के मुनाफे में 25 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।
गुरुवार को बैंक ने अपना वित्तीय परिणाम जारी किया। बैंक के प्रबंध निदेशक रमेश सोबती ने बताया कि वित्त वर्ष 2018 की दूसरी तिमाही में इंडसइंड बैंक की ब्याज आय 24.7 फीसदी बढ़कर 1821 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है जो कि वित्त वर्ष 2017 की दूसरी तिमाही में 1460.3 करोड़ रुपये रही थी।
तिमाही दर तिमाही आधार पर जुलाई-सितंबर तिमाही में इंडसइंड बैंक का ग्रॉस गैर निष्पादन संपत्तियां (एनपीए) 1.09 फीसदी से मामूली घटकर 1.08 फीसदी रहा है। तिमाही आधार पर दूसरी तिमाही में शुद्ध एनपीए में मामूली बदलाव हुआ और यह पुराने स्तर यानी 0.44 फीसदी पर कायम रहा है।
रुपये में एनपीए पर नजर डालें तो तिमाही आधार पर दूसरी तिमाही में इंडसइंड बैंक का ग्रॉस एनपीए 1271.7 करोड़ रुपये से बढ़कर 1345.3 करोड़ रुपये रहा है। जबकि शुद्ध एनपीए 508.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 537 करोड़ रुपये रहा है।
तिमाही आधार पर जुलाई-सितंबर तिमाही में इंडसइंड बैंक ने प्रावधान को घटाया है और यह 310 करोड़ रुपये से घटकर 293.7 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में बैंक का प्रावधान 213.9 करोड़ रुपये रहा था।
सोबती ने कहा कि भारत इस समय वृद्धि के मामले में तेजी से बढ़ रहा है और पिछली तिमाही में यह विकास की गाथा दिखी है। बैंक ने ग्राहकों की जरूरतों वाले उत्पादों और समाधानों पर फोकस किया तथा ड़िजिटल के क्षेत्र में नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर अच्छा काम किया। बैंक का कुल व्यवसाय बढ़कर 2.64 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है जबकि इसकी शुद्ध ब्याज आय 4 फीसदी पर है।