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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने ग्रेसिम, आदित्य बिड़ला, जीएसीएल पर लगाया करोड़ों का जुर्माना
By Deshwani | Publish Date: 5/10/2017 10:09:54 PM
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने ग्रेसिम, आदित्य बिड़ला, जीएसीएल पर लगाया करोड़ों का जुर्माना

 नई दिल्ली,  (हि.स.)। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़, आदित्य बिड़ला केमिकल्स और गुजरात एल्कलाइल्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (जीएसीएल) पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना दिल्ली जल बोर्ड को पॉली एल्युमिनियम क्लोराइड सप्लाई ठेके को लेकर लगाया गया है। ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ पर दो करोड़ 30 लाख रुपये, आदित्य बिड़ला केमिकल्स पर 2 करोड़ 9 लाख रुपये और गुजरात एल्कलाइल्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (जीएसीएल) पर एक करोड़ 88 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इन कंपनियों पर प्रतिस्पर्धा संबंधी नियमों के उल्लंघन का आरोप है। 

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने पाया कि ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जीआईएल), आदित्य बिरला कैमिकल्स (इंडिया) लिमिटेड (एबीसीआईएल) और गुजरात ऐल्कलीज एंड कैमिकल्स लिमिटेड (जीएसीएल) ने दिल्ली जल बोर्ड के टेंडरों के भाव बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धा कानून 2002 के प्रावधानों का उल्लंघन किया, जिन्हें पॉली एल्यूमीनियम क्लोराइड (पीएसी) की खरीद के लिए जारी किया गया था। पॉली एल्यूमीनियम क्लोराइड का इस्तेमाल पानी के शुद्धिकरण के लिए किया जाता है।
 
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा दायर संदर्भ पर गुरुवार को अंतिम आदेश पारित किया गया। जीआईएल और एबीसीआईएल की इस दलील को अस्वीकार करते हुए कि वे एकल आर्थिक कंपनियां हैं, सीसीआई ने अपने आदेश में कहा कि ये दोनों कंपनियां न केवल कानूनी तौर पर अलग-अलग कंपनियां है बल्कि इन्होंने इन टेंडरों में व्यक्तिगत हैसियत और अलग-अलग रूप से भाग लिया है। सीसीआई ने कहा कि कानून के अनुच्छेद 3(3) के अंतर्गत शुरू की गई कार्यवाही के संदर्भ में एकल आर्थिक कंपनी की अवधारणा का इससे कोई संबंध नहीं है, खासतौर से बोली के भाव बढ़ाने के मामले में। 
उपरोक्त कंपनियों को बंद करने का आदेश देने के अलावा, सीसीआई ने प्रतिस्पर्धा रोधी आचरण करने के लिए जीआईएल, एबीसीआईएल और जीएसीएल पर 2.30 करोड़ रुपये, 2.09 करोड़ रुपये और 1.88 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माने की राशि जीआईएल और एबीसीआईएल के पिछले तीन वर्षों के औसत महत्वपूर्ण कारोबार की छह प्रतिशत की दर से लगाई गई है। आयोग ने जीआईएल और एबीसीआईएल के आचरण पर नजर रखी थी क्योंकि इन कंपनियों ने स्पष्ट रूप से अलग-अलग बोली जमा करते समय प्रतिस्पर्धा का मुखौटा बनाकर एक साझा चैनल के जरिए इसे तैयार किया और अंतिम रूप दिया।
 
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