नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पंजाब नेशनल बैंक से 60 करोड़ रुपए ऋण लेने के लिए किए गए कथित फर्जीवाड़े को लेकर आठ मामले दर्ज किए। इस संबंध में सीबीआई ने दिल्ली और अंबाला में आज 16 स्थानों की तलाशी ली। सीबीआई ने इन मामलों में कारोबारी दीपक गुप्ता, उनकी पत्नी पल्लवी गुप्ता, विनीत गुप्ता, अदिता मीडिया नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड, डीजी फूटवियर प्राइवेट लिमिटेड, सॉफ्टमैक्स प्राइवेट लिमिटेड, श्री हरि ओवरसीज और मेरोज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य को आरोपी बनाया है।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि पंजाब नेशनल बैंक से फर्जी दस्तावेज तथा ऋणाधार बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर 60 करोड़ रपये का कर्ज लेने का आरोप है। उसने कहा कि बैंक से प्राप्त कर्ज को कथित तौर पर किसी अन्य उद्देश्य में इस्तेमाल किया गया। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि प्राथमिकियों में आरोपी अलग अलग हैं पर सबमें दीपक गुप्ता का संबंध है। एजेंसी ने पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर 13 सितंबर को मामले दर्ज किए थे। सीशोर समूह उन 44 पोंजी कंपनियों में शामिल हैं जिन पर सीबीआई की नजर है।
वहीं, दूसरी ओर बिस्वाल की गिरफ्तारी की खबरें आने के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजेडी के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने अपने आवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुुलाई। बैठक में राज्यसभा सदस्य प्रताप देब, बीजेडी के उपाध्यक्ष देबी मिश्रा, वित्त मंत्री शशिभूषण बहेरा समेत कई विधायक मौजूद रहे। बीजेडी के कई नेता पोंजी स्कीम घोटाले मामले में उलझे हुए हैं। हाल ही में चिटफंड कंपनियों से जुड़े होने पर सीबीआई ने बीजेडी के विधायक प्रवत त्रिपाठी और सांसद रामचंद्र हंसदह को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद दोनों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया।
बीजेडी के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य पीके देब ने संवाददताओं से कहा, बिस्वाल की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। यह बीजेपी और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की राज्य योजना का हिस्सा हो सकता है। सीबीआई ने बिस्वाल को इससे पहले क्यों नहीं गिरफ्तार किया जबकि वह इस मामले में पहले भी कई बार उनसे पूछताछ कर चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिस्वाल की गिरफ्तारी बीजेपी के दबाव में हुई है। हालांकि, बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारी के वी सिंहदेव ने बिस्वाल की गिरफ्तारी में किसी भी तरह की राजनीतिक साजिश होने से इनकार किया है।