मोतिहारी अंबिकानगर व्यवसायी मनोज सिंह हत्याकांड के लाइनर के बयान से लोगों में सस्पेंस फिल्म की कहानी जैसा आश्चर्य
मोतिहारी। शहर के अंबिकानगर में हुई मोटर पार्ट्स व्यवसायी मनोज कुमार सिंह की हत्या के कथित लाइनर ने पुलिस को जो बयान दिया है। उस स्वीकारोक्ति बयान ने किसी सस्पेंस फिल्म की कहनी जैसा विस्मय पैदा कर दिया है। लोग आश्चर्यचकित हो गए हैं। लोगों ने तरह-तरह की अटकलें लगाई थी। जो इस बयान से हत्याकांड के कारणों का अंदाजा ही उलट-पुलट हो गया है।
पुलिस ने हत्याकांड के लाइनर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस लाइनर से गहन पूछताछ की है। गिरफ्तार किया गया लाइनर शाहिद रजा रघुनाथपुर में चमड़ा गोदाम का निवासी बताया गया है। मोटर पार्ट्स व्यवसायी मनोज सिंह की हत्या 10 अक्टूबर की सुबह मॉर्निंग वॉक के समय की गई थी। सीसीटीवी फुटेज में लाल रंग की अपाची बाइक पर दो अपराधी भागते दिख रहे हैं।
गिरफ्तार शाहिद ने बताया है कि बंजरिया के पूर्व मुखिया स्व. छबिला सिंह के भाई केदार सिंह ने ही मनोज सिंह की हत्या के लिए सुपारी दी थी।
यहां बता दें कि मनोज सिंह की हत्या के कुछ ही दिनों पूर्व बंजरिया के मुखिया छबिला सिंह की हत्या अंबिकानगर में ही कर दी गई थी।
लाइनर शाहिद के अनुसार मनोज सिंह की हत्या मुखिया मर्डर के बदले के रूप में की गई है।
शहिद ने बताया है कि रघुनाथपुर निवासी छोटू अपाची बाइक चला रहा था और उस बाइक के पीछे बैठा था मुन्ना सिंह। मुन्ना सिंह ने ही व्यवसायी मनोज सिंह पर गोलियां चलाईं।
मुन्ना सिंह मुखिया स्व छबिला सिंह के एक अन्य भाई जय सिंह का साला बताया गया है।
मनोज सिंह की हत्या का कारण-
लाइनर शाहिद ने पुलिस को मनोज सिंह की हत्या का कारण भी बताया है। उसने बताया है कि व्यवसायी मनोज सिंह ने ही बंजरिया के मुखिया छबिला सिंह की हत्या के लिए लाइनर की भूमिका निभाई थी। इस बात में कितनी सच्चाई है। यह हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही पता चलेगा। क्योंकि शहर के लोगों के अनुसार व्यवसायी मनोज सिंह की ऐसी छवि नहीं थी। उनके जानने वालों का कहना है कि मनोज सिंह की छवि शुद्ध व्यवसायी की थी। जिससे लाइनर वाली बात लोगों के गले नहीं उतर रही है।
दूसरी तरफ एक अन्य पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि हत्या के एक दिन पूर्व मनोज सिंह पूर्व मुखिया छबिला सिंह की हत्या के आरोप में गिरफ्तार एक आरोपी के घर भोजन के दावत पर गए थे। जिससे उनके लाइनर होने की आशंका हुई होगी। लेकिन दावत व भोजन करने वाली किसी बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं है।