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गंगा विलास यात्रा क्रूज बिहार के डोरीगंज, छपरा पहुंचा, विदेशी यात्रियों ने चिरांद स्थित भारतीय पुरातत्व संग्रहालय देखा
By Deshwani | Publish Date: 16/1/2023 5:19:56 PM
गंगा विलास यात्रा क्रूज बिहार के डोरीगंज, छपरा पहुंचा, विदेशी यात्रियों ने चिरांद स्थित भारतीय पुरातत्व संग्रहालय देखा

छपरा। बांग्लादेश के रास्ते डिब्रूगढ़ जाने वाला विश्व का सबसे लम्बा नदी क्रूज़ एमबी गंगा विलास की यात्रा के चौथे दिन सोमवार को विदेशी सैलानी छपरा के डोरीगंज में हैं। दोपहर बाद पटना पहुंचने की संभावना है।

गंगा विलास क्रूज दुनिया की सबसे लंबी नदी यात्रा पर निकला है. 3-4 दिन पहले ही इस क्रूज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से लॉन्‍च किया था। लॉन्चिंग के वक्‍त कहा गया था कि गंगा विलास क्रूज नदी के रास्‍ते 3200 किलोमीटर का सफर करेगा। इस क्रूज में स्विटजरलैंड के कुल 31 सैलानी सवार हैं। खास बात यह है कि इसमें बुकिंग कराने वाले लोग ज्‍यादातर विदेशी ही हैं।


यह वाराणसी से रवाना हुआ और फिर बिहार की सीमा में प्रवेश किया. बिहार के बक्सर, जो कि विश्वामित्र की नगरी मानी जाती है, वहां से होते हुए यह क्रूज पूर्व की ओर बढ़ रहा है। इससे पहले बक्सर से डोरीगंज पहुंचने पर जिला प्रशासन की ओर से स्विट्जरलैंड और जर्मनी के सैलानियों का भव्य स्वागत किया गया। इन विदेशी पर्यटकों को चिरांद स्थित भारतीय पुरातत्व के संग्रहालय का भी भ्रमण कराया गया। 


इस संग्रहालय में नव पाषाण युग सभ्यता के कई अवशेष रखे गये हैं। गौरतलब है कि पुरातात्विक उत्खनन में विश्य में सबसे पहले चिरांद में ही नव पाषाण युग के अवशेष मिले थे। दोपहर बाद इन पर्यटकों के पटना पहुंचने की संभावना है।


हालांकि ऐसी भी खबर आ रही है कि गंगा नदी में वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुए इस 'गंगा विलास क्रूज' को बिहार के छपरा स्थित नदी में पानी कम होने की वजह से थोड़ी परेशानी हुई। डोरीगंज के चिरांद में क्रूज को किनारे लगाने के लिए एसडीआरफ टीम की मदद लेनी पड़ी।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 13 जनवरी, 2023 को वाराणसी में एमवी गंगा विलास के साथ दुनिया की सबसे लंबे रिवर क्रूज का शुभारंभ किया गया। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि भारत के लिए रिवर क्रूज पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक होगा। यह लग्जरी क्रूज भारत और बांग्लादेश के 5 राज्यों में 27 नदी प्रणालियों में 3,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा। श्री सोनोवाल ने कहा कि इस सेवा के लॉन्च होने के साथ रिवर क्रूज की विशाल अप्रयुक्त क्षमता के इस्तेमाल की शुरुआत होगी।


एमवी गंगा विलास क्रूज को दुनिया के सामने देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए सुसज्जित किया गया है। विश्व विरासत स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों, और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की 51 दिनों की क्रूज यात्रा की योजना बनाई गई है।

 

 

एमवी गंगा विलास क्रूज 62 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा है और आराम से 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है। इसमें तीन डेक हैं, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट हैं, जिसमें पर्यटकों के लिए एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने के लिए सभी सुविधाएं हैं। 


जहाज अपने मूल में स्थायी सिद्धांतों का पालन करता है, क्योंकि यह प्रदूषण मुक्त प्रणाली और शोर नियंत्रण तकनीकों से लैस है। एमवी गंगा विलास की पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा का आनंद लेंगे। एमवी गंगा विलास के डिब्रूगढ़ पहुंचने की संभावित तिथि 1 मार्च, 2023 है।


श्री सोनोवाल ने देश में रिवर क्रूज पर्यटन को विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस क्षेत्र के विकास से भीतरी इलाकों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। सरकार देश में रिवर क्रूज पर्यटन की सफलता के लिए क्षमता निर्माण के लिए पूंजीगत व्यय कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में इस क्षेत्र के अधिकतम प्रदर्शन और तेजी से विकास के लिए नदी पर्यटन सर्किट को मौजूदा पर्यटन सर्किट के साथ विकसित और एकीकृत किया जाएगा।



एमवी गंगा विलास क्रूज अपनी तरह की पहली क्रूज सेवा है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के सहयोग से, इस सेवा की सफलता से उद्यमियों को देश के अन्य हिस्सों में रिवर क्रूज का लाभ उठाने के लिए उत्साहित होने की संभावना है।



वैश्विक रिवर क्रूज बाजार पिछले कुछ वर्षों में 5 प्रतिशत की दर से बढ़ा है और 2027 तक क्रूज बाजार के 37 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। विश्व में यूरोप रिवर क्रूज जहाजों के मामले में लगभग 60 प्रतिशत भागीदारी के साथ विकास कर रहा है। भारत में, कोलकाता और वाराणसी के बीच 8 नदी क्रूज जहाजों का संचालन होता है, जबकि राष्ट्रीय जलमार्ग 2 (ब्रह्मपुत्र) पर क्रूज की आवाजाही भी संचालित होती है। 


देश में कई जगहों पर रिवर राफ्टिंग, कैम्पिंग, दर्शनीय स्थलों की यात्रा, कयाकिंग आदि जैसी पर्यटन गतिविधियां संचालित हैं। राष्ट्रीय जलमार्ग 2 पर 10 यात्री टर्मिनलों का निर्माण किया जा रहा है जो रिवर क्रूज की संभावना को और बढ़ा देगा। 


वर्तमान में,राष्ट्रीय जलमार्ग 2 में चार नदी क्रूज जहाज काम कर रहे हैं, जबकि यह  राष्ट्रीय जलमार्ग 3 (वेस्ट कोस्ट कैनाल), राष्ट्रीय जलमार्ग 8, राष्ट्रीय जलमार्ग 4, राष्ट्रीय जलमार्ग 87, राष्ट्रीय जलमार्ग 97, और राष्ट्रीय जलमार्ग 5 में सीमित क्षमता में काम कर रहा है। अब जबकि अंतर्देशीय जलमार्गों में क्षमता निर्माण के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाया जा रहा है, अर्थव्यवस्था के लिए एक व्यवस्थित फॉरवर्ड और बैकवर्ड के लिंकेज के साथ नदी क्रूज, विशेष रूप से नदियों के दोनों किनारों पर, विकसित होने के लिए तैयार है।

 
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