रक्सौल। अनिल कुमार। जब विश्व मानव तस्करी निरोधक दिवस पर एसएसबी जागृति रथ बस से एएचटीयू (क्षेत्रक मुख्यालय) रक्सौल और प्रयास जुबेनाइल सब सेंटर रक्सौल, एनजीओ प्लान इंडिया, आरपीएफ रक्सौल द्वारा मानव तस्करी पर जागरूक अभियान चलाया जा रहा था।उसी क्रम मे इंडियन ऑयल डिपो के गेट के पास इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा ने देखा की दो नाबालिग लड़कीयों को एक लड़का कुछ डरा सा रहा है तो उन्होंने बस को रुकवाया तथा तुरंत वो उस लड़के और दोनों नाबालिग लड़कियों के पास पहुँचे। साथ में मौजूद आरती कुमारी (अध्यक्ष एनजीओ प्रयास) रामजन्म प्लान इंडिया एनजीओ भी अपने अपने सदस्यों के सारे बस से उतर कर आ गए।
आरती कुमारी (अध्यक्ष प्रयास एनजीओ) व इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा द्वारा जब इन तीनों से पूछताक्ष की गयी तो ये प्रथम दृश्य में ही मानव तस्करी का रूप समझ आ गया। एक लड़की नाम मिनाक्षी (बदला नाम ) बंगाल की थी जिसकी उम्र 16 वर्ष थी दूसरी लड़की नाम अनुराधा (बदला हुआ नाम) मधुबनी बिहार की थी जिसकी उम्र 17वर्ष थी। व लड़का मो. जाविद (बदला हुआ नाम) उनको नेपाल ले जाने के चक्कर में था व गरीब घर की लड़कियों को वहाँ काम दिलाने के नाम पर ले जा रहा था।
लड़के ने इन लड़कियों से केवल एक माह पहले ही फेसबुक से दोस्ती की थी।आगे भी जाँच होगी कि इन दोनो नाबालिग लड़कियों को ये किन लोगों को सौंपने के लिए ले जा रहा था जिससे इस प्रकार के मानव तस्करी के रैकेट पर कार्यवाही की जा सके।
बताते चले कि आजकल सोशल मीडिया (फेसबुक इंस्टाग्राम लाइक) से मानव तस्कर बहुत आसानी से लड़कियों को अपने जाल में फंसा ले रहे हैं ।
दोनोँ लड़कियों और लड़के को थाना राजकीय रेलवे स्टेशन रक्सौल को अग्रिम जाँच के लिए सौंप दिया गया।
इस रेस्क्यू ऑप्रेशन के समय एएचटीयू (क्षे.मु) रक्सौल के इंस्पेक्टर मनोज कु शर्मा, एसआई नेहा सिंह, हवलदार राम कुमार, आरक्षी मोनिका आरक्षी कल्पना बाजपेई, प्रयास जुबेनाइल सब सेंटर रक्सौल के आरती कुमारी विजय कुमार शर्मा, राज गुप्ता रेलवे सुरक्षा बल से एसआई संतोष कुमार मिश्रा इत्यादि भी सहयोगी रहे।